जाने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए 5 नए जज के बारे में

नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के लिए 5 जजों की नियुक्ति पर मुहर लगा दी. नियुक्त किए गए जज 6 फरवरी को शपथ लेंगे. पांच न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 32 हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की ओर से पिछले साल 13 दिसंबर को इन न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में अब 32 जज हो गए हैं. जबकि यहां 34 जजों के पद स्वीकृत हैं. एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति को स्वीकृति ना मिलने पर नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि हमें सख्त फैसले लेने को मजबूर ना करें. इस बीच, यूपी के प्रयागराज में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मैंने आज एक मीडिया रिपोर्ट देखी, जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है. भारतीय संविधान हमारा मार्गदर्शक है. कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता.
जस्टिस पीवी संजय कुमार
पीवी संजय कुमार (Justice PV Sanjay Kumar) साल 2021 से मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं. इससे पहले, वो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में न्यायाधीश थे. उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में भी न्यायाधीश के रूप में काम किया है. जस्टिस पीवी कुमार को अगस्त 1988 में आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल के सदस्य के रूप में नामांकित किया गया था.
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह
वर्तमान में जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (Justice Ahsanuddin Amanullah) पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश हैं. वो 2011 में पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए, फिर उन्हें 2021 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया. इसके बाद, उन्हें जून 2022 में पटना हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया. जस्टिस अमानुल्लाह को सितंबर 1991 में बिहार स्टेट बार काउंसिल में नामांकित किया गया था.
जस्टिस पंकज मित्तल
वर्तमान में जस्टिस पंकज मित्तल (Justice Pankaj Mittal) राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं. इससे पहले वो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे. मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी पदोन्नति से पहले वो इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे. जस्टिस मित्तल को साल 1985 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में नामांकित किया गया था और उन्होंने एक वकील के रूप में हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की थी.
जस्टिस संजय करोल
संजय करोल (Justice Sanjay Karol) नवंबर 2019 से पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं. इससे पहले, उन्हें त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी नियुक्त किया जा चुका है. जस्टिस करोल ने साल 1986 में एक वकील के रूप में दाखिला लिया और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू की.
जस्टिस मनोज मिश्रा
वर्तमान में मनोज सिन्हा (Justice Manoj Sinha) इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश हैं. उन्होंने 2011 में न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. जस्टिस मिश्रा को 12 दिसंबर, 1988 को एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था और उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों में प्रैक्टिस शूरू की थी.
सुप्रीम कोर्ट सूत्रों के मुताबिक सोमवार को ये सभी नव नियुक्त जज सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर शपथ लेंगे. इनके शपथ लेते ही सुप्रीम कोर्ट के कुल स्वीकृत जजों की संख्या 34 की काफी हद तक भरपाई हो जाएगी. यानी अभी तक 27 जज हैं जो नए जजों के आते ही 32 हो जाएंगे. अगले हफ्ते में उम्मीद है कि दो और जजों के नामों की सिफारिश को केंद्र सरकार अपनी मंजूरी दे दे. इन दो नामों की सिफारिश भी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में की है. उन नियुक्तियों को मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट फिर से पूर्ण क्षमता वाला हो जाएगा. हालांकि इस साल औसतन हर डेढ़ महीने में एक जज का रिटायरमेंट है. यानी कुल 9 जज इस साल 65 साल के हो जाएंगे और उनकी सेवानिवृत्ति इस साल तय है.