गुरु रविदास जयंती : जाने गुरु रविदास के बारे में,उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

नई दिल्ली – इस साल रविदासजी की जयंती 5 फरवरी को मनाई जाएगी। रविदासजी का जन्म माघ पूर्णिमा के दिन उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर स्थित गोवर्धनपुर गांव में 1376 ईस्वी हुआ था। पंजाब में उन्हें रविदास के नाम से जाना जाता है। जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में उन्हें रैदास के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन रविदास जी का जन्म हुआ था उस दिन माघ पूर्णिमा के साथ साथ रविवार का दिन था इसलिए उनका नाम रविदास रखा गया।
भारत महान कवि और आध्यात्मिक हस्ती की 646वीं जयंती मनाएगा. द्रिक पंचांग के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा के दिन यानी माघ पूर्णिमा(Magh Purnima) को गुरु रविदास (Guru Ravidas) का जन्मदिन मनाया जाता है. यह सिखों के बीच रविदासिया (Ravidassia) संप्रदाय से संबंधित लोगों के लिए वार्षिक उत्सव है। संत रविदास के पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है।
रविदास जी ने हमेशा ही भेदभाव को दूर कर सामाजिक एकता का प्रचार प्रसार किया। संत रविदास जी अपनी कविताओं के जरिए भी यही संदेश दिया करते थए। वह अपनी कविताओं में जनसाधारण की ब्रजभाषा का प्रयोग किया करते थे। इसके अलावा वह अपनी कविताओं में अवधि , उर्दू-फारसी, राजस्थानी, खड़ी बोली और रेख़्ता आदि का भी प्रयोग किया करते थे। उनके चालीस पद पवित्र धर्म ग्रंथ गुरुग्रंथ साहब में भी सम्मिलित किए गए। कहा जाता है कि कृष्ण भक्त मीराबाई भई उनकी शिष्य थी।