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लीजेंडरी डायरेक्टर के विश्वनाथ ने दुनिया को कहा अलविदा


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नई दिल्ली – कसीनाथुनी विश्वनाथ का 92 की आयु में स्वास्थ्य से संबंधित बीमारियों के कारण निधन हो गया है। उनका हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। अब उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इसके पहले उन्हें श्रद्धांजलि देने आरआर फिल्म के निर्देशक एसएस राजामौली, चिरंजीवी, पवन कल्याण, वेंकटेश डग्गुबाती जैसे कई कलाकार पहुंचे थे। सभी की आंखें नम थीं व सभी काफी भावुक नजर आ रहे थे।

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पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता ने अपने आवास पर अंतिम सांस ली. के विश्वनाथ उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे. वहीं के. विश्वनाथ के निधन की खबर से उनके फैंस और तमाम सेलेब्स में शोक की लहर दौड़ गई है और सभी दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता-निर्देशक को श्रद्धांजलि दी। के विश्वनाथ ने अपना प्रोफेशनल जीवन ऑडियो रिकॉर्डर के तौर पर शुरू किया था। वे बतौर साउंड इंजीनियर भी काम करते रहे। इसके बाद उन्होंने तेलुगु फिल्म पाताल भैरवी में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

1965 में, विश्वनाथ ने तेलुगु फिल्म ‘आत्मा गोवरवम’ के साथ डायरेक्टर के रूप में डेब्यू किया था. इसके लिए बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नंदी पुरस्कार जीता। वह पुरस्कार विजेता क्लासिक ‘शंकरभरणम’ के साथ एक फेमस डायरेक्टर बन गए, जिसे आज भी उनकी बेस्ट वर्क में से एक माना जाता है। के. विश्वानाथ को भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (2016) से भी सम्मानित किया गया था.1992 में के. विश्वनाथ को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.अपने छह दशक लम्बे फ़िल्म करियर में उन्हें पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गये थे।

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