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आयुर्वेद में तांबे के बर्तन से पानी पीने के कई फायदे


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नई दिल्ली – मानव शरीर 70 प्रतिशत पानी से बना है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे पूर्वज पीने के पानी को ऐसे बर्तन में रखते थे जो तांबे के बने होते थे। इसके पीछे एक ही मकसद था पीने के लिए शुद्ध पानी मिले। हालांकि उस समय उन्हें ज्यादा पानी स्टोर करना पड़ता था। समय बदलने के साथ-साथ हमने पीने के पानी के बर्तन भी बदले। आज के समय में हम पीने के पानी के लिए एक्वा गार्ड और आरओ का इस्तेमाल करते हैं।

तांबे के बर्तन में पानी रखने से सारे बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। इसलिए दूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियां जैसे डायरिया, पीलिया आदि नहीं होता। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार ठीक रहता है. कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती है। कॉपर शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करता है। इसलिए तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से खून की कमी और उससे संबंधित रोग दूर हो जाते हैं। पेट की सभी प्रकार की समस्याओं में तांबे का पानी बेहद फायदेमंद है। रोज इसका प्रयोग करने से पेट दर्द, गैस, एसिडिटी, कब्ज, पाचन संबंधी परेशानियों से निजात मिलती है।

वजन घटाने में मदद करता है
तेजी से वजन कम करने के लिए नियमित रूप से तांबे के बर्तन में रखा पानी पिएं। कॉपर पाचन तंत्र को बेहतर करने के अलावा आपके शरीर से फैट को खत्म करने में भी मदद करता है।

घावों को तेजी से भरने में मदद करता है
कॉपर अपने मजबूत एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण घावों को जल्दी भरने का एक उत्कृष्ट साधन है। इसके अलावा कॉपर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।

कॉपर में बहुत उच्च मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं. ये फ्री रेडिकल्स का सफाया करता है जिससे झुर्रियां नहीं आतीं। तंत्रिका कोशिकायें दिमाग तक संदेश पहुंचाने का काम करती हैं। ये तंत्रिका कोशिकाएं मायलिन के आवरण से ढंकी होती हैं, जो इनकी संदेश पहुंचाने के काम में मदद करता है। तांबा इस मायलिन आवरण के तैयार होने में मदद करता है। इससे दिमाग तेज होता है।

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