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जोशीमठ संकट को देख मोदी सरकार ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग


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नई दिल्ली – जोशीमठ संकट को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय भी एक्टिव मोड में है। जोशीमठ में जानमाल की सुरक्षा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर के भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है। इस बीच जोशीमठ पर पीएमओ भी नजर बनाए हुए हैं। जानकारी के अनुसार, जोशीमठ पर पीएमओ आज एक उच्च स्तरीय बैठक करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को कहा कि वह आज दोपहर एक उच्च स्तरीय बैठक करेगा।

पीएम के प्रधान सचिव डॉ पीके मिश्रा बैठक करने जा रहे हैं. इस बैठक में कैबिनेट सचिव सहित सरकार के सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। जोशीमठ के डीएम भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मीटिंग पर जुड़ेंगे। उत्तराखंड के सभी वरिष्ठ अफसर भी बैठक में शामिल होंगे। जोशीमठ में 11 और परिवारों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। शहर में दरार से प्रभावित घरों की संख्या बढ़कर 603 हो गई है. चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. जोशी ने कहा कि दरार के कारण 11 और घरों में रहने वाले परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।

जोशीमठ संकट को लेकर केंद्र सरकार के 6 मंत्रालय, देश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक हर ऑप्शन पर माथा-पच्ची कर रहे हैं। डिफेंस मिनिस्ट्री अपने तरह से एक्टिव है। हर रास्ता तलाशा जा रहा है। प्रधानमंत्री रिपोर्ट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से सर्वे कर रहे हैं। सारे निर्माण के काम रोक दिए गए हैं। जोशीमठ के संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर एक साधु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई है और उत्तराखंड के लोगों को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है।

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