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बीजिंग से आई 2 फ्लाइट के आधे यात्री मिले कोरोना पॉजिटिव


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नई दिल्ली – चीन से इटली पहुंची एक फ्लाइट के कोरोना टेस्ट अनिवार्य (Mandatory Covid Test) कर दिया है. यह फैसला बीजिंग से मिलान आई 2 उड़ानों में जांच के दौरान 50% से ज्यादा यात्रियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद लिया गया है। भले ही चीन का कहना है कि उसके यहां कोविड संक्रमण ‘अनुमानित और नियंत्रण में’ है, लेकिन बीजिंग के अचानक जीरो-कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) के तहत लागू प्रतिबंधों को हटाने के बाद वहां बढ़ते कोरोना संक्रमण ने वैश्विक खतरा पैदा कर दिया है।

चीन देश में बड़े पैमाने पर कोरोना मरीज मिलने के बावजूद पाबंदियों में ढील दे रहा है। उसने नए साल में कोविड के खतरे का स्तर ‘ए’ से घटाकर ‘बी’ करने का फैसला किया है। इससे कोरोना मरीज को क्वारंटीन करने की जरूरत नहीं होगी। चीन ने यह भी एलान किया है कि अगले माह शुरू होने वाले चीनी लूनार नव वर्ष अवकाश में विदेश भ्रमण के इच्छुक लोगों को वह लाखों की तादाद में साधारण पासपोर्ट व वीजा जारी करेगा। इससे समूची दुनिया में कोविड नए सिरे से फैलने का खतरा बढ़ गया है।

चीन में बढ़ते कोविड संक्रमण को देखते हुए भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को चीन से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है। यह जांच चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से भारत आने वालों के लिए जरूरी होगी। भारत आगमन पर इन देशों के किसी भी यात्री में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं या कोविड-19 संक्रमण पाया जाता है तो उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा। इसी तरह अमेरिका, जापान, मलेशिया ने भी चीन से आने वालों के लिए कोविड निगेटिव टेस्ट अनिवार्य कर दिया है।

चीन को मजबूरी में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म करने का निर्णय लेना पड़ा. प्रतिबंधों में रहने के दौरान वहां लोग वायरस के प्रति अतिसंवेदनशील हो गए, उनमें कोरोनावायरस के खिलाफ इम्युनिटी नहीं विकसित हो पाई। प्रतिबंध हटने पर लोग अचानक वायरस के संपर्क में आए और COVID-19 बड़े पैमाने पर अनियंत्रित रूप से फैलने लगा। चीन में दिसंबर के शुरुआती 20 दिनों में 25 करोड़ से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और 10 लाख से अधिक मौतें हुई हैं. लेकिन चीन आंकड़े छिपा रहा है।

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