स्वामीनारायण गुरुकुल का 75वें अमृत महोत्सव बोले पीएम मोदी
नई दिल्ली – पीएम मोदी बोले, स्वामीनारायण के नाम स्मरण से ही एक नव चेतना का संचार होता है. आज संतों के सानिध्य में में श्री स्वामीनारायण का नाम स्मरण एक अलग ही सौभाग्य का अवसर है. हमारे गुरुकुल सदियों से समता, समानता और सेवाभाव की वाटिका की तरह रहे हैं. नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय भारत की इस गुरुकुल परंपरा के वैश्विक वैभव के पर्याय हुआ करते थे. खोज और शोध, ये भारत की जीवन पद्धति का हिस्सा थे.
Our responsibility was to reinvigorate India's glorious history in our education system after we attained Independence. Govts back then didn't take steps regarding it under colonial mindset: PM Modi at virtual address of 75th Amrut Mahotsav of Swaminarayan Gurukul Rajkot Sansthan pic.twitter.com/NB7uiWiFcz
— ANI (@ANI) December 24, 2022
पीएम मनोदी ने कहा कि, ”भगवान स्वामीनारायण के नाम का स्मरण मात्र से ही मुझमें ऊर्जा का संचार हो जाता है। आज आप सभी की गरिमामयी उपस्थिति में मैं इस अवसर पर धन्य महसूस कर रहा हूं। हमारे गुरुकुल सदियों से समता, समानता और सेवाभाव की वाटिका की तरह रहे हैं। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय भारत की इस गुरुकुल परंपरा के वैश्विक वैभव के पर्याय हुआ करते थे। खोज और शोध, ये भारत की जीवन पद्धति का हिस्सा थे।”
2014 के बाद मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 65% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए देश पहली बार उस शिक्षा व्यवस्था को तैयार कर रहा है जो फॉरवर्ड लुकिंग (दूरंदेशी) है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि, आजादी मिलने के बाद हमारी शिक्षा प्रणाली में भारत के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी थी. हालांकि, तब सरकारों ने इस को लेकर कोई कदम नहीं उठाया.