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अफ्रीकी छात्रों उतरेंगे अब रशिया के युद्ध के लिए


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नई दिल्ली – रूस अब वहां मौजूद अफ्रीकी छात्रों को युद्ध में धकेलने के लिए दबाव डाल रहा है कि अगर वे इस युद्ध में शामिल नहीं होंगे तो उनकी ट्यूशन फीस बढ़ा दी जाएगी. समाचार वेबसाइट द डेली बीस्ट ने 21 नवंबर को बताया कि पिछले तीन महीनों से रूस के दक्षिणी विश्विद्यालयों के अधिकारियों ने छात्रों को रूसी सेना से अपने रैंक में शामिल होने के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए राजी करने की कोशिश की है.

रूस के कुछ नाइजीरियाई छात्रों ने द डेली बीस्ट को बताया, स्कूल के 3 अधिकारी हैं जो आजकल हमारे छात्रावास में हमसे मिल रहे हैं और हमें यूक्रेन से लड़ने के लिए मनाने की बहुत कोशिश कर रहे हैं. वह पैसे कमाने का लालच देकर ऐसा दबाव बनाते हैं और छात्रों को याद दिलाते रहते हैं कि, “अफ्रीकी पहले से ही यूक्रेन में लड़ रहे हैं और अच्छा पैसा कमा रहे हैं.”

रूस के रोस्तोव-ऑन-डॉन के दक्षिण विश्वविद्यालय के छात्रों ने कहा है कि रूस में पढ़ने वाले अफ्रीका के छात्रों को यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे रूस के वैगनर समूह के भाड़े के सैनिकों में शामिल होने के लिए दबाव डाला जा रहा है. यूक्रेन में लड़ने के इच्छुक लोगों के लिए $3,000 से $5,000 तक के वेतन का वादा किया, जबकि प्रस्तावों को ठुकराने वालों को छात्रवृत्ति रद्द करने और उनकी ट्यूशन की लागत में वृद्धि की धमकी दी गई.

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