पाकिस्तान से नाराज है खास दोस्त चीन,CPEC की वजह से रिश्तों आ रही दरार
नई दिल्ली – चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) की पहुंच अफगानिस्तान तक चाहता है. लेकिन, उसकी इस योजना में पाकिस्तान ही सबसे बड़ा रोड़ा है. जियो-पॉलिटिक की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि वे सीपीईसी में आ रही सभी बाधाओं को दूर करेंगे और उसके काम को अंजाम तक पहुंचाएंगे. लेकिन, अब ऐसा नहीं हो पा रहा, क्योंकि पाकिस्तान के पास इसके लिए फंड नहीं है. इस वजह से यह परियोजना लंबे समय से पूरी नहीं हो पा रही.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संकल्प लिया था कि वे सभी परेशानियों को दूर कर CPEC का काम आगे बढ़ाएंगे,लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। पाकिस्तान के पास पैसा नहीं है। CPEC परियोजना लंबे समय से रुकी हुई है,पाकिस्तान की व्यवस्थाओं से चीन नाराज है जिसके कारण चीन के लिए, अफगानिस्तान में अपनी मल्टी-बिलियन परियोजना का विस्तार करने में देरी हो रही है.
पाकिस्तान नया पैंतरा अपना रहा है. यहां सोशल मीडिया पर प्रचार किया जा रहा है कि बीजिंग की इस परियोजना से जनता का जीवन रातों-रात बदल जाएगा. चीन की नजरें अफगानिस्तान के बेशुमार खनिजों पर है जो अभी भी छिपे हुए हैं। इसी के लिए चीन पाकिस्तान से होते हुए अपनी परियोजना को अफगानिस्तान तक ले जाना चाहता है। चीन को CPEC का विस्तार अगर अफगानिस्तान तक करना है तो उसे पहले पाकिस्तान में मौजूद सुरक्षा समस्याओं को सुधारना होगा क्योंकि तालिबान शासित अफगान उसके वैसे भी टेढ़ी खीर साबित होने वाला है। अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचा कमजोर है। तालिबान शासन का विरोध करने वाले इस्लामी समूहों से भी बड़ा खतरा है।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को चीन से उम्मीद थी कि वह यहां ज्यादा निवेश करेगा. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. वर्तमान परिस्थितियों में चीन अफगानिस्तान में निवेश नहीं करना चाहता और इसके भविष्य पर भी संदेह है. बताया जा रहा है कि चीन के कहने पर तालिबान तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी से अपने संबंध तोड़ने पर राजी हो गया था. लेकिन, चीन को इस बात पर ज्यादा यकीन नहीं है.