
नई दिल्ली – फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने एक साथ 11000 कर्मचारियों को निकालकर खलबली मचा दी है। पिछले ही हफ्ते ट्विटर भी अपने आधे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुका है। इस बड़े फैसले के बाद कंपनी के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है। अपने इस बयान में जुकरबर्ग ने इस छंटनी पर दुख व्यक्त करते हुए ‘सॉरी’ कहा है।
मेटा के जिन कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, उन्हें 4 महीने की सैलरी दी जाएगी। कंपनी के ह्यूमन रिसोर्स हेड लॉरी गोलेर के अनुसार, निकाले गए कर्मचारियों को मुआवजे के तौर पर 4 महीने की सैलरी दी जाएगी। 2004 में शुरू हुई कंपनी के 18 सालों के इतिहास में ये सबसे बड़ी छंटनी हैं। कंपनी की खस्ता माली हालत और खराब तिमाही नतीजों के चलते ये फैसला लिया गया है।
हमें और अधिक पूंजी कुशल बनने की जरूरत है। हमने अपने अधिक संसाधनों को अधिक जरूरी वाले विकास क्षेत्रों जैसे हमारे एआई डिस्कवरी इंजन, हमारे विज्ञापन और व्यापार प्लेटफॉर्म, और मेटावर्स की ओर स्थानांतरित कर दिया है।हमने अपने व्यवसाय में लागत में कटौती की है, जिसमें बजट को कम करना, भत्तों को घटाना और रियल एस्टेट संपत्तियों को कम करना शामिल है। हम अपनी दक्षता बढ़ाने के लिए टीमों का पुनर्गठन कर रहे हैं। लेकिन ये उपाय अकेले हमारे खर्चों को हमारी राजस्व वृद्धि के अनुरूप नहीं लाएंगे, इसलिए मैंने लोगों को जाने देने का कठिन निर्णय भी लिया है।