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जाने देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का शुभ मुहर्त


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नई दिल्ली – देवउठनी एकादशी प्रतिवर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। अगले दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप और माता तुलसी का विवाह किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने के बाद योग निद्रा से जागते हैं। इस बार देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह की तिथियों को लेकर लोगों में काफी भ्रम है। आइए जानते हैं क्या हैं इसकी तारीखें।

इस बार कार्तिक शुक्ल एकादशी की तिथि गुरुवार 3 नवंबर को शाम 7:30 बजे से शुक्रवार 4 नवंबर को शाम 6:08 बजे तक रहेगी. ऐसे में 4 नवंबर को देव उठानी एकादशी मनाई जाएगी.तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि 5 नवंबर शनिवार को शाम 6:08 बजे से शुरू होकर रविवार 6 नवंबर शाम 5:06 बजे समाप्त होगी. तो 5 नवंबर को होगा तुलसी विवाह।

भगवान विष्णु की पूजा करें और उनके सामने दीपक और धूप जलाएं। उसे फल, फूल, मिठाई और भोग अर्पित करें। तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। शाम को भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। इस दिन केवल सात्विक भोजन ही करें। चावल खाने से बचें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। तुलसी विवाह के दिन सूर्योदय के समय स्नान करके घर के मंदिर में दीपक जलाएं। विष्णु जी का गंगाजल से अभिषेक करें। उन्हें चढ़ाओ, तुलसी दल। तुलसी विवाह के दिन विष्णु के शालिग्राम अवतार का विवाह तुलसी से होता है।

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