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सूर्य ग्रहण 2022: क्या दीपोत्सव पर लगेगा सूर्य ग्रहण का साया? कई सालों बाद बन रहा है ऐसा योग


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नई दिल्लीः साल 2022 का आखिरी सूर्यग्रहण सोमवार को दिवाली है और इसके अगले दिन यानी 25 अक्तूबर को लगेगा , फिर गोवर्धन पूजा है।हर साल 5 दिनों तक दीपोत्सव का पर बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस बार 27 वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि दीपोत्सव पर्व 5 नहीं बल्कि 6 दिन मनाया जाएगा। धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दीपावली यह सभी हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हुए दिवाली का त्योहार मनाया जाता है और अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लेकिन इस बार दिवाली के फौरन बाद ही आंशिक सूर्यग्रहण लगेगा।इस बार दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के बाद सूतक काल लग जाएगा। जिस कारण से 25 अक्टूबर को किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्य पूर्ण नहीं किए जाएंगे। यही कारण है कि इस साल 25 के बजाय 26 अक्टूबर को भाई दूज पर्व मनाया जाएगा।

सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब सूरज और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता और वह सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर आने से कुछ समय के लिए रोक देता है. जानें भारत में सूर्य ग्रहण लगने का समय क्या है और कहां-कहां देखा जा सकेगा और सूर्य ग्रहण देखते समय किन जरूरी बातों का ध्यान रखना और सेफ्टी रूल्स फॉलो करना बेहद जरूरी है.खंड सूर्य ग्रहण 7 घंटा 05 मिनट का होगा। इसका प्रारंभ 11 बजकर 28 मिनट से हो रहा है, जबकि समापन शाम को 6.33 बजे मोक्ष होगा। हालांकि बक्सर में सूर्य ग्रहण का शुभारंभ 4 बजकर 42 मिनट से होगा तथा समापन सूर्यास्त तक 5.37 बजे होगा।ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। सूतक काल शुरू होने से पहले ही मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। कार्तिक मास में दो ग्रहण लगेगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक वर्षों बाद इस तहर का संयोग बन रहा है। अगले मंगलवार को कार्तिक अमावस्या को पहले सूर्य ग्रहण लगेगा, जबकि 08 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है।

दीपोत्सव के दिनों में माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। लेकिन इस साल दिवाली के ठीक बाद सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। जिसका प्रभाव माता लक्ष्मी के पूजन पर भी पड़ेगा। यही कारण है कि इस साल दीपोत्सव पर्व 6 दिन तक मनाया जाएगा।कई वर्षों बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा न होकर एक दिन का अंतर है। दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग कई वर्षो बाद पड़ रहा है। एक गणना के अनुसार पिछले 1300 वर्षों बाद सूर्य ग्रहण दो प्रमुख त्योहार के बीच पड़ने के साथ बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। साल का यह आखिरी आंशिक सूर्यग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में सूर्यग्रहण दिखाई देने से इसका सूतक काल मान्य होगा। जिसके कारण ग्रहण से संबंधित धार्मिक मान्यताएं का पालन किया जाएगा।

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