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डेडलाइन बीतने के बाद भी आप भर सकते है टैक्स रिटर्न


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नई दिल्ली – इनकम टैक्स फाइल करने वाले उपभोग्ताओ के लिए ये खबर पढ़ना बेहद जरूरी है। क्यूंकि ये खबर उनके लिए बेहद फायदेकारक साबित हो सकती है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारिख 31 दिंसबर थी जो कि जा चुकी है और जिन लोगों ने 31 दिसंबर तक ITR फाइल कर दी, वे अब सुख-चैन की स्थिति में है मगर जिन्होंने अभी तक ITR फाइल नहीं की है उनके लिए थोड़ी मुश्किल जरूर है। ऐसा नहीं है कि 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाए तो सारे दरवाजे बंद हो गए है आप जुर्माना भरते हुए अब भी आईटीआर फाइल कर सकते है।

लेकिन डेडलाइन बीतने के बाद आईटीआर फाइलिंग का कुछ खास नियम है। सरकार ऐसे लोगों को एक मौका और देती है। इस खास मौके का फायदा उठाते हुए जब टैक्स रिटर्न फाइल करते है तो उसे देर से ITR फाइलिंग कहा जाता है। बता दें कि फाइनेंस एक्ट 1987 के संशोधन में इसका जिक्र किया गया है और यह संशोधन कहता है कि किसी भी एसेसमेंट ईयर के खत्म होने के एक साल तक उससे भीतर बिलेटेड ITR फाइल की जा सकती है। फाइनेंस एक्ट 2016 में एक और संशोधन किया गया और बताया गया कि एसेसमेंट ईयर के खत्म होने के पहले बिलेटेड आईटीआर को फाइल किया जा सकता है। इस तरह वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बिलेटेड आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 मार्च 2021 थी।

देर से रिटर्न फाइल करना भी वैसे ही जैसे आम दिनों में टैक्स रिटर्न भरते है। लेकिन ऐसा नहीं है। बिलेटेड टैक्स रिटर्न के कई घाटे है और माथापच्ची अलग से। पहली बात तो ये कि देर से रिटर्न भरने के लिए आपको टैक्स विभाग से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए आपको इनकम टैक्स कमिश्नर से इजाजत लेनी होगी और उन्हें पत्र लिखकर बताना होगा कि पिछले साल का टैक्स रिटर्न क्यों नहीं भर पाए। अब कमिश्नर पर निर्भर करेगा कि आपकी रिक्वेस्ट मानी जाएगी या नहीं। इनकम टैक्स कमिश्नर आपकी रिक्वेस्ट को देखेगा, उसकी असलियत पता करेगा, आपकी परेशानी समझेगा तो देर से टैक्स फाइलिंग की इजाजत देगा। कमिश्नर को लगेगा कि आपका डिडक्शन ज्यादा हो गया है, टीडीएस, एडवांस टैक्स या सेल्फ एसेसमेंट टैक्स अधिक कट गया है जिसे रिफंड कराना जरूरी है तो आपको देर से रिटर्न भरने की इजाजत मिल जाएगी।

इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको एक नोटिस जारी करेगा। ऐसी स्थिति में आपको 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। अगर टैक्स कमिश्नर को अपनी बात समझाने में कामयाब रहे तो जुर्माने से बच सकते है। सेक्शन 234F के मुताबिक अगर 31 मार्च से पहले उस एसेसमेंट ईयर का बिलेटेड टैक्स रिटर्न भर दिया जाए तो 5,000 रुपये जुर्माना लगेगा। उसके बाद 10,000 रुपये देने होंगे।

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