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लाइफस्टाइल

सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिलाएं गलती से भी न करे ये भूल


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मुंबई – हमारे देश में आज कल सीज़ेरियन डिलेवरी करवाना एक फैशन सा बन गया है। आजकल महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी की बजाय सिजेरियन करवाना पसंद करती है, क्योंकि इसमें ज्यादा दर्द नहीं सहना पड़ता। लेकिन सिजेरियन डिलीवरी के बाद कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती है।

जब गर्भवती महिला के केस में किसी तरह के कॉम्प्लिीकेशंस आते है, तो इस स्थिति में विशेषज्ञ सिजेरियन डिलीवरी या सी-सेक्शन डिलीवरी की सलाह देते है। लेकिन आज कल महिलाये नार्मल डिलेवरी करवाना पसंद ही नहीं करती। ​सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला को पूरी तरह से रिकवरी होने में करीब 6 महीने का समय लगता है। इसलिए डिलीवरी के बाद महिला को कुछ सावधानियों को बरतने की सलाह दी जाती है। प्रेगनेंसी के बाद कई चीजों को लेकर महिलाओं के मन में सवाल रहते है। डिलीवरी के बाद कुछ कामों के लिए एक सही समय होता है और अगर सही समय पर इन कामों को किया जाए तो महिलाओं का स्‍वास्‍थ्‍य ठीक रहता है।

अगर आप डिलीवरी के बाद एक्‍सरसाइज करने की सोच रही हैं तो इसके लिए सही समय के बारे में जरूर जान लें। नॉर्मल डिलीवरी में जब आपको ठीक महसूस होने लगे, तभी से आप एक्‍सरसाइज कर सकती है जबकि सिजेरियन ऑपरेशन के बाद कम से कम छह सप्‍ताह तक आराम करना चाहिए। ऑपरेशन के बाद ऐसा कोई काम न करें जिससे टांकों में खिंचाव आए। डिलीवरी के बाद नहाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। आमतौर पर विशेषज्ञ टांके कटने के ​बाद ही नहाने की सलाह देते है। टांके कटने में 10 से 15 दिनों का समय लग सकता है। पानी लगने से टांके पकने का रिस्क रहता है। इसलिए डिलीवरी के बाद डॉक्टर की सलाह के बाद ही नहाएं। रिकवरी के दौरान शावर की जगह बाल्टी या टब में पानी भरकर डिब्बे की मदद से नहाएं। जिस स्थान पर कट लगा है, वहां न तो साबुन लगना चाहिए और न ही पानी।

डिलीवरी के बाद आप शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को संभोग के लिए स्‍वस्‍थ महसूस करने लगें, तब आप सेक्‍स कर सकती हैं। डिलीवरी के बाद सेक्‍स को लेकर एक बार डॉक्‍टर की सलाह लेनी भी जरूरी है। आपकी शारीरिक जांच करने के बाद वो आपको बता पाएंगे कि आप सेक्‍स के लिए तैयार हैं या नहीं। रिकवरी के दौरान छींक या खांसी होने पर आपके सी-सेक्शन का दर्द बढ़ सकता है। इसके अलावा इसके साथ ही छींकने या खांसने से टांकों पर भी जोर पड़ता है, इससे झटका लगने से टांके खुल सकते है। ऐसे में आपके लिए परेशानी बढ़ सकती है। जिस काम से आपके पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता हो, उस काम को करने से परहेज करें। वजन वाली चीजों को न उठाएं और न ही आगे की ओर ज्यादा झुकें। इससे आपके लिए समस्या बढ़ सकती है। साथ ही भविष्य में हॉर्निया का रिस्क भी बढ़ता है।

प्रेगनेंसी के दौरान बढ़ा हुआ वजन आपको परेशान कर रहा होगा। ऐसे में आपके मन में बार बार यही ख्‍याल आ रहा होगा कि आखिर डिलीवरी के बाद आप डाय‍टिंग कब शुरू कर सकती है जिसका असर शिशु के स्‍वास्‍थ्‍य पर न पड़े।स्‍तनपान करवाते समय आपको अपने आहार में पोषण की कोई कमी नहीं रखनी है। ब्रेस्‍टफीडिंग के लिए कैलोरी बहुत खर्च होती है इसलिए डायट में पोषक तत्‍वों का होना जरूरी है। रही बात डायटिंग की तो अपने संतुलित आहार की मदद से भी आप डायटिंग कर सकती है। अगर आपका कमरा फर्स्ट या सेकंड फ्लोर पर है, तो उसे कुछ दिनों के लिए नीचे शिफ्ट करवा लें। सर्जरी के बाद कुछ समय तक सीढ़ियां न चढ़ने की सलाह दी जाती है। इसलिए भूलकर भी सीढ़ियां न चढ़ें।

कार या स्‍कूटी चलाने के लिए भी डिलीवरी के बाद ती न से चार सप्‍ताह का इंतजार करें। ड्राइव करते समय अचानक से झटका लगने पर टांकों में चोट लग सकती है, इसलिए नॉर्मल डिलीवरी के बाद भी कुछ सप्‍ताह तक इन चीजों से दूर ही रहना चाहिए। टांके जल्दी सूखें, इसके लिए सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा टांकों पर लगाने वाली दवा दी जाती है। इस दवा को जरूर लगाएं। इसके अलावा विशेषज्ञ के सभी निर्देशों का पालन करें।

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