नई दिल्ली – भारतीय रिजर्व बैंक 5 अगस्त की सुबह क्रेडिट नीति की घोषणा करेगा। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक में रेपो दर वृद्धि की घोषणा कर सकता है। उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में 1 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है। फिलहाल रेपो रेट 4.9 फीसदी है। वित्तीय वर्ष के अंत तक टर्मिनल दर 5.90% तक ली जाएगी।
रेपो रेट क्या है?
जिस दर पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से ऊंची दर पर कर्ज मिलेगा। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दर बढ़ेगी. जिसका सीधा असर आपकी ईएमआई पर पड़ेगा।
5 अगस्त को रेपो रेट में बढ़ोतरी की संभावना
इससे पहले भी आरबीआई ने मई और जून में रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। रिजर्व बैंक ने 4 मई और 8 जून को रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने आम सहमति से रेपो रेट बढ़ाने का फैसला किया है।
क्या असर होगा?
रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर आपके होम लोन, कार लोन या किसी अन्य लोन पर पड़ेगा। अगर आपके पास पहले से कर्ज है या आप कर्ज लेने जा रहे हैं तो आने वाले दिनों में बैंक की ओर से ब्याज दर बढ़ने से ईएमआई पहले की तुलना में बढ़ जाएगी।