लाल सागर के इन तालाबों के अंदर जाते ही हो जाती है मौत
नई दिल्ली – नई खोज में वैज्ञानिकों ने लाल सागर के तल (Bottom of the Red Sea) पर ऐसे घातक तालाब खोजे हैं जिसके अंदर किसी भी जीव के जाने से उसकी मौत निश्चित है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि लाल सागर की गहराई में छिपे इन खारे पानी की तालाबों (Brine Pools) से लंबे समय में हो रहे पर्यावरणीय बदलावों (Environmental Changes) की भी जानकारी मिल सकती है जिसमें पृथ्वी पर शुरुआती जीवन भी शामिल है.
खारे पाने के तालाब एक तरह की छोटी हाइपरसलाइन झील होती है जो समुद्र की गहराई के तल में बनती है और पृथ्वी के सबसे खतरनाक माहौल वाला क्षेत्र बन जाती है. इस तरह के असामान्य तालाबों मं बहुत ही ज्यादा मात्रा में नमक होने के साथ अन्य तरह के रासायनिक पदार्थ भी होते हैं जिससे यह क्षेत्र ऊपर के समुद्र की तुलना में 8 गुना ज्यादा लवण वाला क्षेत्र हो जाता है.
इस खारे पानी के तालाब का खुलासा लाल सागर के तल में दस घंटों की गोताखोरी के बाद पता चला था. शोधकर्ताओं के टीम के सदस्यसैम पुर्किस ने पाया कि इस खारे पानी के तालाब में ऑक्सीजन नहीं होती है और इसकी लवणता बहुत ही घातक स्तर पर होने के कारण इसमें कोई मछली या अन्य समुद्री जीव जाता है तो फौरन ही मर जाता है. इसके अलावा इस तालाब में हाइड्रोजन सल्फाइड जैसे जहरीले तत्व भी हैं.
इन खारे तालाब बहुत सी विविधता वाले सूक्ष्मजीव हैं जो बड़ी ताताद में रह रहे हैं. इन सूक्ष्मजीवों की खास बात यह है कि ये बहुत ही विपरीत हालातों में जिंदा रह सकते हैं और पनप सकते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि इन सूक्ष्मजीवों का अध्ययन कर वे पृथ्वी पर जीवन की सीमा का अध्ययन कर सकते हैं. इस तरह का जीवन दूसरे ग्रहों पर भी मिल सकता है. इस तरह के खारे तालाब की खोज हुई है. पिछले तीस सालों में महासागर विशेषज्ञों ने लाल सागर, भूमध्य सागर, मैक्सिको की खाड़ी में कई दर्जन ऐसे तालाब खोजे हैं. लेकिन लाल सागर में खोजे गए इस नए तालाब की खास बात यह है कि सबसे कम गहराई वाला तालाब है.