गूगल का आज का डूडल,महिला पहलवान जिसे कोई पुरुष कभी नहीं हरा पाया
नई दिल्ली – गूगल ने आज यानी चार मई को हमीदा बानो को याद करते हुए एक डूडल बनाया है। हमीदा बानो भारत की पहली महिला पहलवान थीं। आज ही के दिन 1954 में आयोजित एक कुश्ती मैच में केवल 1 मिनट और 34 सेकेंड में जीत दर्ज करने के बाद हमीदा बानो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। उन्होंने प्रसिद्ध पहलवान बाबा पहलवान को हराया। हार के बाद बाबा पहलवान ने कुश्ती से संन्यास ले लिया।
हमीदा को कोई पुरुष नहीं हरा पाया
हमीदा बानो ने 1940 और 1950 के दशक में पुरुषों की चुनौती देते हुए कहा था कि जो मुझे दंगल में हरा देगा मैं उससे शादी कर लूंगी। पहला कुश्ती मैच जिसने हमीदा को सही मायनों में पहचान दिलाई, वह 1937 में लाहौर के फिरोज खान के साथ था। हमीदा ने उस मैच में फिरोज को चित कर दिया। खान के लिए यह आश्चर्य की बात थी कि वह महिला से कैसे हार सकते हैं।इसके बाद हमीदा काफी फेमस हो गईं। फिर उन्होंने एक सिख और कोलकाता के एक अन्य पहलवान खड़ग सिंह को हराया। इन दोनों को हमीदा से शादी करने के लिए चुनौती दी थी।
बेंगलूरू की गेस्ट कलाकार दिव्या नेगी ने तैयार किया
गूगल के आज के इस डूडल को बेंगलूरू की गेस्ट कलाकार दिव्या नेगी ने तैयार किया है। डूडल के बैकग्राउंड में Google लिखा हुआ है, जो स्थानीय वनस्पतियों और जीवों से घिरा हुआ है। हमीदा बानो को ‘अलीगढ़ की अमेजन’ के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 1900 के दशक की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पहलवानों के एक परिवार में हुआ था। वह कुश्ती की कला का अभ्यास करते हुए बड़ी हुईं और 1940 और 1950 के दशक के अपने करियर में 300 से अधिक प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की।