x
मनोरंजन

Do Aur Do Pyaar Review:विद्या बालन ने चुरा ली लाइमलाइट,प्रतिक गाँधी का दिखा अनोखा अंदाज


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

मुंबई – सिनेमा देखना और वह भी निरापद भाव से देखना, बहुत मुश्किल है। फिल्म के पोस्टर, उसके टीजर, ट्रेलर सब दर्शकों के मन में एक ऐसा पूर्वाभास बनाने की कोशिश करते हैं कि दर्शक फिल्म देखने से पहले ही अपना मन बना लेता है और फिर उसी कसौटी पर फिल्म को कसने की कोशिश करता है। लेकिन, फिल्म ‘दो और दो प्यार’ अपने आप में एक कसौटी है, रिश्तों की। रिश्ते कैसे? मन से मन के या तन के तन से। विवाह से बाहर कोई प्यार क्यों तलाश करता है? क्या इसलिए कि उसका अच्छा खासा वैवाहिक जीवन पटरी से उतर चुका है या फिर कि उसे विवाह से पहले भी कभी प्यार ही नहीं मिला, और जब भी जहां भी उसे जरा सा भी प्यार मिला, वह उसे बाहों में भर लेने को बेताब हो जाता है। नवोदित निर्देशक शीर्षा गुहा ठाकुरता की फिल्म ‘दो और दो प्यार’ उस दौर के सिनेमा की याद दिलाने वाली फिल्म है जब बासु चटर्जी और विनोद पांडे जैसे निर्देशक वैवाहिक रिश्तों में निजी सुख तलाशने वाली कहानियों पर फिल्में बनाया करते थे।

क्या है ‘दो और दो प्यार’ की कहानी?

मुंबई में रह रही डेंटिस्‍ट काव्‍या गणेशन (विद्या बालन) और बिजनेसमैन अनिरुद्ध बनर्जी (प्रतीक गांधी) के प्रेम विवाह को 12 साल हो चुके हैं। शादी से पहले दोनों ने तीन साल डेटिंग की थी। उनकी उम्र 38 साल है। शादी को काव्‍या के परिवार की स्‍वीकृति नहीं मिली होती है।खुशहाल जीवन जीने के बाद पिछले कुछ समय से दोनों एक ही छत के नीचे रहते हैं, लेकिन उनके रिश्‍तों में दूरी आ गई है। दोनों विवाहेत्तर संबंधों में हैं। काव्‍या फोटोग्राफर विक्रम (सेंथिल राममूर्ति) के साथ सपने बुन रही है, जो न्यूयॉर्क में सब कुछ छोड़ का मुंबई आ बसा है। काव्या के साथ वह समुद्र किनारे बने अपार्टमेंट में रहना चाहता है।अनिरुद्ध का थिएटर कलाकार नोरा उर्फ रोजी (इलियाना डिक्रूज) के साथ इश्‍क चल रहा है। दोनों के प्रेमी शादी को जल्‍द से जल्‍द तोड़ने की मांग करते हैं। अचानक एक दिन काव्‍या के दादाजी का निधन हो जाता है। वह ऊटी में अपने मायके आती है। उसके साथ अनिरुद्ध भी आता है।

विद्या बालन इंडियन आउटफिट में बेहद खूबसूरत लग रही

इवेंट में विद्या बालन इंडियन आउटफिट में बेहद खूबसूरत लग रही थीं।विद्या इस दौरान अपनी खूबसूरत साड़ियों को छोड़ थ्री-पीस इंडो-वेस्टर्न आउटफिट में लाइमलाइट बटोरती नजर आईं। विद्या ग्रे लहंगे और स्कर्ट सेट में बहुत खूबसूरत लग रही थीं, जिसे उन्होंने ब्राउन कलर की प्रिंटेड कॉटन जैकेट के साथ पेयर था। विद्या ने अपने आउटफिट के साथ स्टेटमेंट फिंगर रिंग्स और एक बिग गोल बाली पहनी हुई थी।डेवी मेकअप, छोटी सी बिंदी, टाइट जूड़े में बंधे बाल और लिपस्टिक के साथ एक्ट्रेस ने लुक को चार चांद लगा दिए थे।

कहानी दो विवाहेत्तर रिश्तों की

निर्देशक शीर्षा गुहा ठाकुरता ने विज्ञापन फिल्में खूब बनाई हैं और तभी शायद वह इंसानी जज्बात को इतने करीने से समझ पाई हैं। असहज परिस्थितियों में सहज होते मन की अंतर्कथा समेटे फिल्म शुरू होती है दो जोड़ों के बीच दिखने वाले सम्मोहक प्यार से। एक अभिनेत्री से एक कॉर्क बनाने वाली फैक्ट्री का मालिक प्यार करता है। एक फोटोग्राफर को एक डेंटिस्ट से प्यार हो चुका है। दोनों जिनसे प्यार करते हैं, वे आपस में शादीशुदा हैं। तीन साल का प्यार और 12 साल की शादी और दोनों के अपने-अपने विवाहेत्तर रिश्ते। लेकिन, फिर हालात ऐसे भी बनते हैं, जब जिससे अफेयर है, वही सवाल पूछती है, तुम्हारा किसी से अफेयर तो नहीं हो गया। और, जवाब आता है, किससे? अपनी बीवी से? प्रेम क्या है? क्या ये साथ बिताया जाने वाला समय है? या ये पारिवारिक जिम्मेदारियां उठाते किसी व्यक्ति के हाथों से फिसल चुका वक्त है?

Back to top button