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रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज से मिले PM मोदी,देखे अभिवादन की ये तस्वीर


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नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कर्नाटक के मैसुरु पहुंचे थे जहां उन्होंने मूर्तिकार अरुण योगीराज से मुलाकात की। योगीराज ने ही अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित की गई रामलला की मूर्ति गढ़ी है। यह छोटी सी मुलाकात उस दौरान हुई जब पीएम मोदी चुनावी प्रचार के लिए मैसूर के महाराजा कॉलेज ग्राउंड पहुंचे हुए थे। इस दौरान योगीराज के अभिवादन का जवाब देते हुए पीएम ने भी उनका अभिवादन किया। न्यूज एजेंसी एएनआई दोनों की मुलाकात की तस्वीरें जारी की है जो कि अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रही हैं।

ज्यादातर सवाल रामलला की आंखों के बारे में

मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा, ”मुझसे ज्यादातर सवाल रामलला की आंखों के बारे में पूछे जाते हैं। हर कोई खुश है और भगवान राम जीवित महसूस करते हैं। लोग मुझसे पूछते हैं कि मैंने यह कैसे किया? इस पर मेरा जवाब है कि मैंने नहीं बनाया। भगवान राम ने बनाया है। लोगों के ज्यादातर सवाल रामलला की आंखों को लेकर ही किए जाते हैं।” योगीराज ने बताया कि उनके स्टाफ का कहना है कि रामलला को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे वे हमसे बात करने वाले हैं।अरुण योगीराज ने बताया था कि उन्होंने सिर्फ सात महीनों में रामलला की मूर्ति बनाई थी। वहीं, भगवान की आंखें बनाने से पहले वे गुरुदेव गणेश आचार्य से मिले थे। आंखें बनाने के लिए उन्हें सिर्फ 20 मिनट की ही जरूरत होती है। (Meeting of Arun Yogiraj and PM Modi) योगीराज ने कहा था, ”जब मैं गुरुदेव से मिला तो उन्होंने मुझे कहा कि अगर आंखों को बनाओ तो सबसे पहले अयोध्या की सरयू नदी में जाकर स्नान करो और फिर हनुमान जी का आशीर्वाद लो। कनक भवन में पूजा पाठ करने के बाद ही आंखें बनाना।”

मूर्ति बनाने के दौरान भोजन पर प्रतिबंधों

भगवान राम की मूर्ति बनाने के दौरान भोजन पर प्रतिबंधों को लेकर उन्होंने कहा, “हां मूर्ति बनाने के दौरान भोजन पर कुछ प्रतिबंध थे। खाना कम तेल में और कम मिर्च में बनाया जाता था। सुबह हमें प्रोटीन के तौर पर दाल दिया जाता था। हम सात्विक भोजन खाते थे।”योगीराज ने बताया कि रामलला की मूर्ति बनाने के दौरान उन्हें उनके परिवार का भरपूर समर्थन मिला। उनकी पत्नी ने बहुत समर्थन किया। उन्होंने बताया कि जब उनके बेटे ने चलना सीखा तो वह उसके पास नहीं थे। उन्होंने वीडियो कॉल में अपने बेटे को पहली बार चलते हुए देखा। रामलला की मूर्ति को नहीं छू पाने पर उन्होंने कहा कि वह हर रोज मूर्ति की तस्वीर मांगते हैं और उसे देखते हैं।

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