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विज्ञान

रोबोट भी कर सकेंगे मानव स्पर्श का अहसास


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नई दिल्ली – नई पीढ़ी के मानवों जैसी संवदेना (Human Sensitivity) वाले स्मार्ट रोबोट (Smart Robot) विकिसत करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई तरह की इलेक्ट्रॉनिक त्वचा (Electronic Skin) विकसित कर ली है. इस ई-त्वचा में दर्द को पहचानने की भी क्षमता सीख सकता है

त्वचा को विकसित करने का काम ग्लासगो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है. इस त्वता को उन्होंने कम्प्यूटेशनल इलेक्ट्रॉनिक स्किन नाम दिया है. यह मूलतः एक तरह की कृत्रिम त्जा है जिसमें नए प्रकार का प्रक्रिया तंत्र लगाया गया है. यह तंत्र साइनेप्टिक ट्रांजिस्टर्स पर आधारित है. जो बिलकुल मस्तिष्क के तंत्रिका पथों की ही तरह काम करता है. जिससे रोबोट दर्द के अहसास करना सीख सकता है.

जब भी ये सेंसर किसी वस्तु के संपर्क में आते हैं, ओ कम्प्यूटर को आंकड़े भेजते हैं जो इस जानकारी को संसाधित करता है और फिर प्रतिक्रिया देता है. यह देखने में तो स्मार्ट लगता है, लेकिन इस पद्धति से प्रतिक्रिया में देरी हो जाती है जो विस्तविक दुनिया के क्रियाकलापों के लिए त्वचा का कारगरता को कम ही करता है. इस त्वचा में बाहरी उत्तेजनाओं के प्रति प्रतिक्रिया सीखने की क्षमता भी है. अभी तक वैज्ञानिक लंबे समय से रोबोट के लिए स्पर्श संवेदी कृत्रिम त्वचा को विकसित करने पर वर्षों से काम कर रहे थे. इसमें सबसे ज्यादा काम सतह पर संपर्क या दबाव सेंवदना संबंधी पद्धतियों पर हुआ है.

मानवों के सतही तंत्रिका तंत्र के त्वचा से संकेत लेकर उनका अर्थ निकलाने की प्रेरणा ली और देरी और ऊर्जा खपत जैसे समस्याओं से छुटकारा पाया. जब भी हमारी त्वचा का किसी उत्तेजना पैदा करने वाले पदार्थ से होता है, हमारा सतही तंत्रिका तंत्र उसके संपर्क बिंदु पर संसाधित करना शुरू कर देते है. इससे वह दिमाग तक पहुंचाने वाली जरूरी सूचना में तब्दील कर देता है.

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