प्रकाश की गति से भी अधिकतम गति है इनकी
नई दिल्ली – सीमा हमारी भैतिकी में सैद्धांतिक रूप से तय की गई है. इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी व्यक्ति या पदार्थ की गति प्रकाश की गति से दोगुनी (Twice the speed of light) हो ही नहीं सकती है. लेकिन क्या वाकई में ऐसा है क्या वैज्ञानिकों को अभी तक वास्तव में ऐसे कुछ नहीं मिला है जो प्रकाश गति से भी तेज चलता हो. या क्या कुछ ऐसे कण या सूक्ष्मकण (Subatomic Particles) हैं जिन्होंने प्रकाश की गति की सीमा को तोड़ दिखाया है. आइए जानते हैं कि इस मामले में क्या कहता है विज्ञान.
प्रकाश की गति अंतिम सीमा नहीं हैं जिससे पदार्थ या किसी भी तरह के कण प्रकाश की गतिसे ज्यादा तेज नहीं भाग सकते. वैज्ञानिकों को मानना हा कि कुछ अजीब कणों में तो इतनी क्षमता है कि वे प्रकाश की गति से भी दोगुनी रफ्तार हासिल कर सकते हैं और ऐसे कणों को तो समय के भी पीछे भेजा सकता है. लेकिन इसकी व्याख्या आसान काम नहीं है. किसी वस्तु को त्वरण देने के लिए यानि उसकी गति की दर बढ़ाने के लिए हमें उसमें ऊर्जा डालनी होगी. हम जितना तेजी से उस वस्तु को तेज भगाना चाहते हैं, हमें उतनी ही ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होगी. सापेक्षता के समीकरण हमें बताते हैं कि किसी भी द्रव्यमान (Mass) वाली वस्तु को (भले ही उसका कितना ही अधिक द्रव्यमान) क्यों ना हो, प्रकाश की गति तक त्वरण देने के लिए अनंत मात्रा की ऊर्जा लगेगी.
समय भौतिकी में अलबर्ट आइंस्टीन द्वारा दिया गया सापेक्षता का सिंद्धांत सबसे अच्छा सिद्धांत माना जाता है. इसी के मुताबिक प्रकाश की गति ही किसी भी पदार्थ की सैर्वभौमिक अधिकतम गति सीमा है. विशेष तौर पर सापेक्षता का यह सिद्धांत इस बारे में कुछ नहीं बता पाता किद्रव्यमान वाला पदार्थ त्वरित (accelerate) होकर प्रकाश की गति से भी आगे जा सकता है या नहीं.
उर्जा के सभी स्रोत किसी ना किसी तरह से सीमित ही हैं. यहां तक कि ब्रह्माण्ड में भी सीमित ऊर्जा ही है. इसका अर्थ यही होगा कि ब्रह्माण्ड में इतनी ऊर्जा ही नहीं है कि किसी द्रव्यमान वाली वस्तु क प्रकाश की गति से अधिक त्वरण कर सके. यही वजह है कि हम और आप, कम से कम निकट भविष्य में प्रकाश की गति से भी दोगुनी गति की अपेक्षा नहीं कर सकते है. इसी पर गुरुत्व के प्रभाव से वस्तुओं में भार का गुण आ जाता है. लेकिन कुछ परिकल्पित कण होते हैं जिन्हें वैज्ञानिक टैकियॉन (Tachyons) कहते हैं. इनमें विशेष तरह का द्रव्यमान होता है जिसे काल्पनिक द्रव्यमान होता है. फिलहाल टैकियॉन के अस्तित्व को सिद्ध नहीं किया जा सका है लेकिन सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार इनकी संभावित उपस्थिति को खारिज नहीं किया जा सकता है.