x
ट्रेंडिंगबिजनेस

इन बैंकों का विफल होना तबाह कर सकता है देश की अर्थव्यवस्था, RBI ने जारी की लिस्ट


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – रिजर्व बैंक के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक घरेलू अर्थव्यवस्था के लिये बेहद अहम बैंक है. रिजर्व बैंक ने आज घरेलू प्रणालीगत महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची जारी की, इन तीनों बैंकों के नाम इस लिस्ट में दिेये गये हैं. महत्वपूर्ण बैंक उन बैंकों को माना जाता है जिनकी भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ी हिस्सेदारी हो, जिनका विफल होना इतना नुकसानदेह हो सकता है कि नीति तैयार करने वाले इनके विफल होने का कोई भी जोखिम नहीं उठा सकते. ऐसे में नीतियों का निर्धारण इस आधार पर किया जाता है कि इन महत्वपूर्ण बैंको के लिये जोखिमों को कम से कम किया जा सके.

साल 2008 की मंदी को देखते हुए अक्टूबर 2010 में वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) ने सिफारिश की थी कि सभी सदस्य देशों को अपने-अपने अधिकारक्षेत्र में प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थाओं के जोखिमों को कम करने के लिए संरचना शुरू करने की आवश्यकता है. बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसिल समिति (बीसीबीएस) ने वैश्विक प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (जी-एसआईबी) की पहचान करने और इन जी-एसआईबी के लिए लागू अतिरिक्त पूंजी आवश्यकताओं जो जोखिम को कम करे सके को आकार देने के लिए नवंबर 2011 में एक संरचना प्रस्तुत की थी.

2021 के लिये जारी की गयी डोमेस्टिक सिस्टेमेटिक इंपोर्टेट बैंक (डी-एसआईबी) लिस्ट में एसबीआई को बकेट 3 और आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक को बकेट 1 में रखा गया है. इसके अलावा लिस्ट में कोई और बैंक का नाम नहीं है. साल 2020 में भी ये तीनों बैंक इस लिस्ट में शामिल थे. एसबीआई को 2015 और आईसीआईसीआई बैंक को 2016 में इस लिस्ट में शामिल किया गया था. बाद मे एचडीएफसी बैंक को भी इसमें शामिल किया गया.

डीएसआईबी लिस्ट में शामिल बैंकों को टू बिग टू फॉल भी कहा जाता है. यानि इतने बड़े बैंक जिनके टूटने के बारे में सोचा भी न जाये. वहीं ऐसे बैंक जिनके असफल होने से पूरी अर्थव्यवस्था तबाह हो सकती है, इसलिये इस लिस्ट में शामिल बैंकों पर रिजर्व बैंक की खास नजर रहती है. इन बैंकों को अपने जोखिम कम करने के लिये विशेष कदम भी उठाने पड़ते हैं. रिजर्व बैंक इनके लिये सिस्टेमैटिक इंपॉर्टेंस स्कोर जारी करता है जिसके आधार पर बैंकों को रिस्क वेटेज एसेट्स के प्रतिशत के रूप में अतिरिक्त कॉमन इक्विटी रखनी पड़ती है. एसबीआई बकेट 3 में है जिसके लिये ये सीमा 0.6 प्रतिशत और बाकी के दोनो बैंक बकेट 1 में जिनके लिये ये सीमा 0.2 प्रतिशत है.

Back to top button