x
विज्ञान

प्लूटो को अब ग्रह क्यों नहीं माना जाता,जानिए क्यों ?


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – अंतरिक्ष विज्ञान में सामान्य रुचि रखने वालों के लिए भी, उन्हें यह अजीब लगता है कि प्लूटो को अब एक ग्रह क्यों नहीं माना जाता है। आइए जानते हैं इस पर विज्ञान क्या कहता है।

हमारे सौर मंडल में, मंगल के बाद क्षुद्रग्रह बेल्ट है, उसके बाद बृहस्पति, यूरेनस और फिर नेपच्यून की कक्षा है। नेपच्यून की कक्षा से आगे बर्फीले क्षुद्रग्रहों से भरी एक और बेल्ट आती है जो सूर्य की परिक्रमा करती है। इस पेटी को कुइपर पेटी के नाम से जाना जाता है, इन्हीं में से एक पिंड प्लूटो है।

लेकिन जैसे-जैसे दूरबीनें बड़ी होती गईं, हमारे खगोलविदों को प्लूटो सहित दूर के अंतरिक्ष में वस्तुओं की स्पष्ट तस्वीर दिखाई देने लगी। धीरे-धीरे खगोलविदों को भी पता चला कि प्लूटो अन्य ग्रहों की तुलना में बहुत छोटा है, बेहतर उपकरण इसके आकार को और कम करते रहे। दूसरा कुइपर बेल्ट पिंड 1992 में खोजा गया था। तब तक यह ज्ञात था कि प्लूटो वास्तव में हमारे चंद्रमा से छोटा है।

प्लूटो के बारे में एक और बात जो सामने आई, वह यह है कि इसकी कक्षा नेपच्यून की कक्षा को काटती है। ऐसा सौरमंडल के किसी अन्य ग्रह के साथ नहीं है। पिछली शताब्दी के अंतिम दशक में और उसके बाद, कुइपर बेल्ट के और अधिक निकायों की खोज की गई, जिनकी संख्या जल्दी ही सैकड़ों तक पहुंच गई।

अब वैज्ञानिकों के सामने एक सवाल खड़ा हो गया है। क्या प्लूटो और एरिस दोनों को ग्रह घोषित किया जाना चाहिए? ऐसे में वे सभी पिंड जो आकार में प्लूटो से थोड़े कम हैं, उन्हें भी ग्रह क्यों कहा जाए? ऐसे में ग्रहों के कितने नाम याद करने पड़ेंगे। इसीलिए 2006 में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के खगोलविदों को इसके लिए एक बैठक करनी पड़ी।

इसके बाद प्लूटो को अब ग्रह नहीं माना गया बल्कि बौने ग्रहों की श्रेणी में रखा गया। बौने ग्रह वे पिंड हैं जिनका आकार उनके गुरुत्वाकर्षण के कारण गोलाकार होता है। कुइपर बेल्ट में ऐसे कई बौने ग्रह खोजे गए हैं और बड़ी संख्या में पाए जाने की संभावना है। इतना ही नहीं सेरेस नाम का एक बौना ग्रह केवल क्षुद्रग्रह पेटी में मौजूद है।

बेशक 76 साल से ग्रह कहे जाने वाले प्लूटो ग्रह को आज भी कई किताबों में ऐसा माना जाता है। यह अभी भी कई खगोलविदों के लिए एक ग्रह की तरह है और वे एक ग्रह की तरह इसका अध्ययन भी कर रहे हैं। वहीं, कई खगोलविद प्लूटो को एक ग्रह की श्रेणी में वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।

Back to top button