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Whooping Cough के मामले बढ़े, जान ले रही है ये बीमारी


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नई दिल्ली – दुनिया के कई देशों में काली खांसी फिर से तेजी से फैल रही है। जहां चीन, फिलीपींस, चेक गणराज्य, और नीदरलैंड में इससे कई मौतें हुई हैं। वहीं अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में भी इसका प्रकोप देखा गया है। 2024 के पहले दो महीनों में चीन में इस बीमारी से 13 मौतें हुईं, और 32,380 मामले सामने आए, जो कि पिछले साल की तुलना में 20 गुना से अधिक है।इसी तरह फिलीपींस में संक्रमण के आंकड़े पिछले साल की तुलना में 34 गुना अधिक दर्ज किए गए हैं। ऐसे में इस बीमारी की व्यापकता का समझना बेहद जरूरी है। साथ ही यह जानना भी आवश्यक है कि काली खांसी के लक्षण क्या हैं, और इससे कैसे बचा जा सकता है।

क्या है काली खांसी?

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, बेहद संक्रामक काली खांसी बैक्टीरियम बोर्डेटेला पर्टुसिस के कारण होता है, जो हमारे अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम को लक्षित करता है, टॉक्सिन्स को छोड़ता है, जिससे एयरवेज में सूजन हो सकती है।

काली खांसी को पर्टुसिस भी कहा जाता है

काली खांसी को पर्टुसिस भी कहा जाता है, ये बीमारी बोर्डेटेला पर्टुसिस बैक्टीरिया के कारण होती है. ये एक श्वसन संक्रमण है जो खांसी के दौरों का कारण बन सकता है. गंभीर मामलों में खांसी काफी भयावक और तेज़ हो सकती है. ये खांसी इतनी जोर हो सकती है कि आपको उल्टी तक हो सकती है. साथ ही इसके चलते तेज और लगातार खांसी के तलते सांस लेना मुश्किल हो सकता है.काली खांसी बहुत संक्रामक होती है और किसी को भी प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह उन शिशुओं में विशेष रूप से गंभीर हो सकता है जिन्हें अभी तक टीका नहीं मिला है. काली खांसी से पीड़ित एक वर्ष से कम उम्र के लगभग आधे शिशुओं को अस्पताल में देखभाल की आवश्यकता होती है. यह मुख्य रूप से 6 महीने से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है जो अभी तक टीकाकरण से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हुए हैं, और 11 से 18 वर्ष के बच्चे जिनकी प्रतिरक्षा कमजोर होने लगी है.

काली खांसी का इलाज क्या है?

एक बार इस बीमारी का पता लग जाने पर खांसी शुरू होने से पहले, डॉक्टर आम तौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ संक्रमण का इलाज करते हैं। अगर किसी मरीज को तीन हफ्ते से ज्यादा समय से खांसी हो रही है, तो एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत नहीं है, क्योंकि बैक्टीरिया संभवतः शरीर छोड़ चुका है और खांसी एयरवेज को हुए नुकसान का परिणाम है।

यह कैसे फैलता है?

यह बेहद संक्रामक बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली बूंदों के जरिए फैलता है। यह बैक्टीरिया गले में एयरवेज की परत से चिपक जाता है और टॉक्सिन्स प्रोड्यूस करता है, जो सिलिया (छोटे बाल जैसी संरचनाएं, जो एयरवेज से बलगम को साफ करने में मदद करती हैं) को नुकसान पहुंचाते हैं। नतीजतन, एयरवेज में सूजन आ जाती है, जिससे काली खांसी के लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें गंभीर खांसी, घरघराहट की आवाज और सांस लेने में कठिनाई शामिल है।

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