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पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बरकरार

नई दिल्ली – फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में बरकरार रहने के बाद पाकिस्तान बैकफुट पर है। पाकिस्तान ने कहा है कि वह एफएटीएफ की बाकी दोनों कार्य योजनाओं को जल्द ही पूरा करेगा। वैश्विक धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और आतंकवादी वित्तपोषण संस्था द्वारा पाकिस्तान द्वारा कुछ लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहने के लिए इस्लामाबाद को अपनी ग्रे सूची में बनाए रखने के एक दिन बाद वरिष्ठ मंत्री ने यह बयान दिया। ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि पाकिस्तान ने एक अभूतपूर्व समय सीमा के भीतर धन शोधन से संबंधित सात कार्य योजना और 27 में से 26 आतंकी वित्तपोषण से संबंधित लक्ष्यों को पूरा किया है।मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण संस्था द्वारा पाकिस्तान द्वारा कुछ लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में बनाए रखा है।

अजहर ने एक ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान अब अपनी दोनों एफएटीएफ कार्य योजनाओं को पूरा करने से सिर्फ दो आइटम दूर हैं। पाकिस्तान जून 2018 से पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में है, जो धन शोधन को रोकने में विफल रहा है। अक्टूबर 2019 तक इसे पूरा करने के लिए कार्य योजना दी गई थी। एफएटीएफ के आदेशों का पालन करने में विफलता के कारण पाकिस्तान उस सूची में बना हुआ है।

अजहर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ हमारी लड़ाई एक मजबूत राष्ट्रीय संकल्प के साथ जारी है। हम सिर्फ वैश्विक अनुपालन के लिए ही नहीं बल्कि अपने हित के लिए भी इन गतिविधियों पर पाबंदी का पालन करते हैं।
एंटी मनी लॉन्ड्रिंग संस्था की ग्रे लिस्ट में यूएई

विश्व में मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ काम करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) को अपनी ग्रे लिस्ट में रखा है। संस्था ने इसका कारण बताते हुए कहा कि उसने अपराधियों और आतंकियों को अपने यहां धन छिपाने से रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए हैं।

पेरिस आधारित एफएटीएफ ने यूएई, दुबई, अबू धाबी के साथ मध्यपूर्व के जोर्डन, सीरिया व यमन को भी ऐसे 23 देशों की लिस्ट में शामिल किया है। इससे अरब प्रायद्वीप के मुक्त आर्थिक क्षेत्र और रियल एस्टेट कारोबार पर कोई फर्क पड़ने की संभावना नहीं है, लेकिन देश की सावधानी से संचालित मुक्त कारोबारी स्थान की छवि प्रभावित हो सकती है। रेटिंग और अन्य वित्तीय एजेंसियां ऐसी रिपोर्टों को गंभीरता से लेती हैं। इनसे कर्ज पर ब्याज दरें प्रभावित हो सकती हैं। एफएटीएफ के मुताबिक, हालांकि यूएई ने कॉरपोरेट रजिस्ट्री की दिशा में कदम बढ़ाया है और अन्य देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियां की हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है लंबे समय से यूएई की छवि ऐसे देश के रूप रही है, जहां नकदी, हीरे और अन्य मूल्यवान वस्तुएं छिपाई जा सकती हैं। हाल के सालों में सरकारी विभागों ने नकदी की बड़े पैमाने पर आवक को अमीरात की समस्या माना था।

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