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मोदी सरकार लाॅन्च करने जा रही है अपनी ऑनलाइन दुकान


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नई दिल्ली – नरेन्द्र मोदी सरकार की कोशिश है कि भारत में ऑनलाइन ई-काॅमर्स की दुनिया में एक ऐसा प्लेटफाॅर्म लाया जाया जिससे बड़ी संख्या छोटे खुदरा विक्रेताओं को लाभ मिल सके और अमेजन और वाॅलमार्ट जैसी कंपनियों पर भी लगाम लगाई जा सके। सरकार ने पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू भी कर दिया है। यूपीआई (UPI) डिजिटल पेमेंट की दुनिया में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। जिस तरह से यूपीआई ने ऑनलाइन पेमेंट को बदल कर रख दिया है

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ‘यूपीआई के बाद, कॉमर्स को लोकतांत्रिक बनाने के लिए एक और आमूलचूल बदलाव के विचार – ओएनडीसी को आज चुनिंदा उपभोक्ताओं, विक्रेताओं और लॉजिस्टिक प्रदाताओं के लिए शुरू किया गया। विकल्प, सुविधा और पारदर्शिता की दुनिया के लिए तैयार हो जाइए।’

पांच शहरों में डिजिटल कॉमर्स के लिए खुले नेटवर्क (ONDC) का पायलट चरण शुरू किया। ओएनडीसी एक यूपीआई-प्रकार का प्रोटोकॉल है और इस पूरी कवायद का मकसद तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र को दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाना, छोटे खुदरा विक्रेताओं की मदद करना और दिग्गज ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं के वर्चस्व को कम करना है।

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने इस बारे में ब्योरा देते हुए कहा कि ओएनडीसी मानकों का एक समूह है, जिसे विक्रेता या लॉजिस्टिक प्रदाता या भुगतान गेटवे स्वैच्छिक रूप से अपना सकते हैं। इस समय 80 फर्में ओएनडीसी के साथ काम कर रही हैं और वे एकीकरण के विभिन्न चरणों में हैं। ये कंपनियां विक्रेता, खरीदार, लॉजिस्टिक या पेमेंट गेटवे के लिए अपने ऐप बना रही हैं।

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