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बहन के जाने का गम : छोटी बहन बोली, ‘लतादीदी के बिना घर सुना हो गया, उनके कमरे में जाने की हिम्मत नहीं होती’


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मुंबई : लता मंगेशकर के निधन को तीन महीने हो चुके हैं। हालांकि, उनके परिवार और प्रशंसक अभी भी इस दुख से बाहर नहीं निकल पाए हैं। लता जी की छोटी बहन उषा मंगेशकर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस बारे में बात की। उन्होंने कहा, “लतादीदी की मौत को तीन महीने हो चुके हैं, लेकिन मैं अभी भी इसे स्वीकार नहीं कर सकती।” दीदी के जाने के बाद मैंने खुद को समझाया कि वो अब भी हमारे साथ है। हालांकि, मैं उन्हें नहीं देख सकती।’

आपको बता दें, 6 फरवरी को लता मंगेशकर का निधन हो गया।

अब मैं अकेली हूं: उषा मंगेशकर
‘दीदी के जाने के बाद से प्रभु कुंज में हमारे घर में काफी सन्नाटा है। दीदी जब थीं तो लोग व्यस्त थे। दीदी की देखभाल के लिए नर्स और हेल्पर घर पर आते थे। मैं अभी घर पर अकेली रहती हूँ।’

कुत्ता भाई के घर शिफ्ट हो गया
उषा मंगेशकर ने आगे कहा, “मैं अभी भी इस बात को स्वीकार नहीं कर सकती. मुझे ऐसा लग रहा है कि दीदी अपने कमरे में है। मैं वहाँ नहीं जा रहा हूँ। मैं आज भी अपनी बहन को फोन करता हूं। हमने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण भी नहीं किया है। दीदी हमारे साथ हैं। उनके जाने से हुए नुकसान को कोई नहीं समझ पाएगा। मैं सबसे छोटी हूं और मेरे लिए वह मां के समान थी। हमारे पास एक पालतू कुत्ता भी है। घर पर वह बार-बार दीदी को खोजता था। इसलिए हमने उसे भाई हृदयनाथ के घर भेज दिया है।’

दीदी पेंटर भी थीं
उषा मंगेशकर ने आगे कहा, “हमारे परिवार के सदस्यों को ड्राइंग करना बहुत पसंद है। दीदी एक पेंटर भी थीं।’

संगीतकार मयूरेश दीदी को बहुत समर्पित हैं। उन्होंने दीदी के नाम पर लतिका क्रिएशन नाम से एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना की है। कंपनी स्ट्रोक्स ऑफ हार्मनी नामक पेंटिंग प्रकाशित करेगी।

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