तमिलों को जाति, धर्म के आधार पर बांटने के प्रयासों से सतर्क रहना चाहिए: स्टालिन
तमिलनाडु: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने रविवार को तमिलों को जाति और धर्म के आधार पर विभाजित करने के प्रयासों को लेकर चेतावनी दी और कहा, ‘हमें तमिलों के रूप में एकजुट रहना चाहिए। स्टालिन ने यहां एक इफ्तार समारोह में कहा कि धर्म और संबंधित चीजें व्यक्तिगत पसंद के मामले हैं, लेकिन हम सभी को तमिलों के तौर पर एकजुट रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, कुछ लोग तमिलों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से ही वे तमिलों के अस्तित्व को समाप्त कर सकते हैं। स्टालिन ने कहा, हमें विभाजित करके वे हमारे विकास को विफल करने का प्रयास कर रहे हैं। तमिल समुदाय को इसमें नहीं फंसना चाहिए। उसे इस तरह के प्रयास के पीछे की साजिश को समझना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि केवल सर्वांगीण शांति से ही सभी प्रकार की प्रगति हो सकती है और उनकी सरकार ने सत्ता में आने के 11 महीनों में इस तरह के विकास के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित किया है। द्रमुक प्रमुख ने कहा, ‘इसलिए मैं कहता हूं कि सर्व-समावेशी द्रविड़ मॉडल तमिलनाडु को सर्वश्रेष्ठ राज्यों में पहले स्थान पर ले जा रहा है।’ ‘विवादास्पद’ संशोधित नागरिकता अधिनियम पर स्टालिन ने कहा कि उन्होंने राज्य विधानसभा में पिछले साल इसके खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें इसे निरस्त करने का आह्वान किया गया था।