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37 कैंटोनमेंट अस्पतालों में शुरू होंगे आयुर्वेद केंद्र, आयुष और रक्षा मंत्रालय ने दो एमओयू पर किए हस्ताक्षर


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नई दिल्ली:भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का लोहा न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी माना जाता है। कोरोना महामारी के बाद आयुर्वेद पद्धति से इलाज को लेकर न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी लोगों की रुचि और आयुर्वेद को लेकर विश्वसनीयता बढ़ी है। वहीं अब आयुर्वेद को स्वास्थ्य संस्थानों से जोड़ने के लिए रक्षा और आयुष मंत्रालय एक साथ आ गए हैं। रक्षा मंत्रालय ने 37 कैंटोनमेंट अस्पतालों और 12 सैन्य स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में आयुर्वेद केंद्र शुरू करने का फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि आयुर्वेद केंद्र शुरू करने के लिए आयुष मंत्रालय (एमओए) के साथ दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

37 कैंटोनमेंट अस्पतालों में 1 मई, 2022 से आयुर्वेद केंद्र का संचालन किया जाएगा। आयुष मंत्रालय इन 37 कैंटोनमेंट अस्पतालों को कुशल आयुष डॉक्टर और फार्मसिस्ट उपलब्ध कराएगा।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्रालय (एमओडी) द्वारा आयुष मंत्रालय (एमओए) के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें से एक समझौता ज्ञापन में 37 कंटोनमेंट अस्पतालों में आयुर्वेद केंद्र शुरू करने के लिए साइन किया गया है और दूसरा सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) के 12 सैन्य अस्पतालों में आयुर्वेद केंद्र शुरू करने के लिए साइन किया गया है।

ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट के दौरान इस संदर्भ में दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। तीन दिवसीय ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट का आयोजन गांधीनगर के महात्मा मंदिर में किया गया है। इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा को संबोधित किया। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयसस भी मौजूद थे।

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