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तीन साल बाद फिर बनारस आ रहे मॉरीशस के प्रधानमंत्री, बलिया से है गहरा नाता


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नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री के बाद अब मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ वाराणसी दौरे पर आने वाले हैं। मॉरीशस के प्रधानमंत्री करीब तीन साल बाद दो दिवसीय दौरे पर 21 अप्रैल को वाराणसी आएंगे। उनके आगमन की जानकारी के बाद प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो गईं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनकी अगवानी करेंगे।

इससे पहले मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ जनवरी 2019 में वाराणसी आए थे। तब उन्होंने 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लिया था। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के अलावा भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ का भ्रमण किया था। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवींद जुगनाथ का बलिया से गहरा नाता है। उनके पूर्वज बलिया के ही रहने वाले हैं।

उनके पूर्वजों के बलिया जिले के रसड़ा में रहने के प्रमाण मिले हैं। इस बाबत 2018 में मॉरीशस के उच्चायुक्त जगदीश्वर गोवर्धन ने बलिया का दौरा भी किया था। बीते तीन अप्रैल को ही नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने सपरिवार काशी भ्रमण किया था। ऐसे में अप्रैल महीने में यह दूसरा अवसर होगा जब बनारस फिर किसी राष्ट्र के प्रमुख की मेजबानी करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ अपनी पत्नी कोबिता जुगनाथ और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 17 से 24 अप्रैल तक भारत की आठ दिन की यात्रा पर आज दिल्ली पहुंचेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रविंद जुगनाथ गुजरात और वाराणसी भी जाएंगे। इस संबंध में विदेश मंत्रालय का पत्र प्राप्त होने के बाद वाराणसी का पुलिस और प्रशासनिक अमला मॉरीशस के प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारियों में जुट गया है।

जानकारी के मुताबिक, 21 अप्रैल को वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मॉरीशस के पीएम की अगवानी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री वाराणसी में गंगा दर्शन के साथ ही काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन करेंगे। उत्तर प्रदेश से व्यापार सहित अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय वार्ता भी होगी। 2019 वाराणसी आए मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने कहा था कि नए भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भी सहभागी बनने को आतुर हैं।

काशी और मॉरीशस की जड़े काफी गहरी हैं। मॉरीशस में भगवान शिव के 150 से ज्यादा मंदिर हैं। महाशिवरात्रि यहां के बड़े त्योहारों में शामिल है। तकरीबन हर घर में रामचरित मानस की प्रति होती है। तकरीबन हर हिंदू के घर के सामने हनुमान जी का मंदिर है और इसमें रात भर दिया जलता रहता है। भाषा की बात करें तो मॉरीशस में करीब 65 प्रतिशत लोग भोजपुरी भाषा जानते हैं।

मॉरीशस के प्रधानमंत्री भी मूल रूप से बलिया के रसड़ा के रहने वाले हैं। उनके पूर्वज रसड़ा से मॉरीशस गए थे। काशी में गंगा नदी बहती हैं तो मारीशस में गंगा तालाब है। तालाब किनारे 108 फीट ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा है। महाशिवरात्रि पर यहां सबसे ज्यादा भीड़ होती है। वहां बसने वालों में ज्यादातर पूर्वांचल के ही लोग हैं। पीएम प्रविंद जुगनाथ के पिता एवं पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ का अक्सर वाराणसी आना होता है। भोजपुरी के कई कार्यक्रमों में वह शिरकत करते रहे हैं।

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