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KGF Chapter 2 में है ये 5 बड़ी गलतियां -जाने


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मुंबई – ‘केजीएफ चैप्टर 2’ 4 हजार से अधिक स्क्रीन (KGF Chapter 2 Screens) पाकर पहले ही दिन फिल्म ने सिर्फ हिंदी में 50 करोड़ (KGF Chapte 2 Box Office Collection in Hindi) से ज्यादा की कमाई कर ली है। इसमें यश जहां रॉकी (Yash as Rocky) का किरदार निभा रहे हैं, वहीं संजय दत्त अधीरा (Sanjay Dutt as Adheera), रवीना टंडन प्रधानमंत्री रमिका सेन (Raveena Tondon as PM Ramika Sen) और श्रीनिधि शेट्टी रीना (Srinidhi Shetty as Reena) के कैरेक्टर में दिखाई दे रही हैं। तो ये हुई बेसिक सी जानकारी, जिससे आप सभी वाकिफ हैं। अब आते हैं मुद्दे पर। फिल्म में मार-धाड़ कूट-कूटकर भरा हुआ है। गाने भी कुछेक जगह सुनने को मिल जाते हैं। फिल्म में शोर भी भरपूर है।

KGF चैप्टर 1 में कई सारे डॉन थे। गरुड़ा, कमल, एंड्रयूज, विराट, जॉन, राजेंद्र देसाई, शेट्टी, सूर्यवर्धन, गुरु पांडियन मतलब कि हर सीन पर एक नया विलेन। पूरे ढाई घंटे ये ही जगह-जगह छाए भी हुए थे। पहले पार्ट में तो इनका रौब-रुतबा समझ आ रहा था। फीलिंग आ रही थी कि भई खतरानक लोग हैं ये। रॉकी इनसे कैसे निपटेगा। लेकिन जब दूसरे पार्ट में विलेन की यही टोली दोबारा देखने को मिली, तो उनका वो रौब फीका नजर आया। शेट्टी और एंड्रयूज फिर भी कुछ हद तक अपने लुक्स से गिरते-पड़ते विलेनगीरी दिखा रहे थे। लेकिन बाद में भी उन्हें मुंह की ही खानी पड़ी। चैप्टर 2 में मेकर्स दो नए विलेन लेकर भी आए। एक अधीरा और दूसरा इनायत खलील।

अब विलेन की बात हो रही है तो इन्हें भी लपेट लेते हैं। ये बने थे फिल्म में अधीरा। चेहरे पर मार टैटू बनवाए, सिर के दोनों साइड को खाली करके लंबी इठलाती चोटी लिए, काले रंग के ऑउटफिट में जब अधीरा स्क्रीन पर आए, तो लगा अब तो गया रॉकी। अब कोई उसे नहीं बचा पाएगा। क्योंकि वह आग की लपटों के बीच से मटकता-मटकता रॉकी के किले में घुस जाता है। हालांकि रॉकी से उसकी भिड़ंत तीन बार ही दिखाई जाती है क्योंकि उसके बाद तो वह बचा ही नहीं। उसका द एंड हो जाता है। इन तीन बार के मिलाप में पहली बार जहां अधीरा, रॉकी को एक गोली मारकर छोड़ देता है। वहीं दूसरी मुलाकात में बदला लेने के लिए रॉकी उस पर गोलियों की बारिश कर देता है। फिर तीसरी बार में जब दोनों स्क्रीन पर आमने-सामने आते हैं, तो रॉकी मार-मारकर उसकी हेकड़ी निकाल देता है और गर्दन ही ऐंठ देता है। तो जो फिल्म की रिलीज से पहले संजय दत्त के इस किरदार की खूब चर्चा हो रही थी।

केजीएफ चैप्टर 2 में रीना उर्फ श्रीनिधि सपोर्टिंग कैरेक्टर से कम नहीं दिखाई दीं। उनकी जर्नी भले नीट एंड क्लीन रही, लेकिन बहुत छोटी थी। आधी से ज्यादा फिल्म में उन्हें रॉकी से परेशान होता ही दिखाया गया। और जब ये हुआ कि रॉकी गलत रास्ते पर जा रहा है, उसे कोई नहीं रोक सकता, तब वह मदर इंडिया की भूमिका में आने के लिए कोशिश करती दिखीं। उन्होंने झट से जाकर रॉकी से आई लव यू भी बोल दिया। उनकी शादी भी हो गई। उनका ऐसा हाल हो गया था कि एक मिनट भी वह रॉकी के बिना रह नहीं पा रही थीं। और जब मां बनीं, खुशखबरी सुनाई, तो ये हुआ कि चलो अब जिम्मेदारी की वजह से रॉकी थोड़ा सुधर जाएगा। लेकिन तब तक अधीरा आकर रीना के पेट में ही गोली मार देता है और ये चैप्टर शुरू होने से पहले ही बूम हो जाता है।

गुरु पांडियन उर्फ अच्युत कुमार। फिल्म में पॉलिटीशियन के रोल में थे। शुरू से उनकी नजर KGF पर थी। उसे हथियाने के लिए वह हर हथकंडे अपना रहे थे। पहले सूर्यवर्धन को टपकाना चाहते थे, फिर गरुड़ा को। ऐसे ही करके जो-जो उनके और KGF के रास्ते आता, वह सबको खत्म करना चाहते थे। ऐसा उन्होंने कुछ हद तक किया भी। लेकिन जिस गरुड़ा को टपकाने के लिए उन्होंने रॉकी को हायर किया, उसी रॉकी ने उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी। हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। रॉकी को खत्म करने के लिए गुरु पांडियन ने खलील से हाथ मिलाया था। गुरु पांडियन ने ही अधीरा को गरुड़ा के हमले से बचाया था। गुरु पांडियन ने ही रॉकी को मारने के लिए अधीरा को वापस बुलाया था। गुरु पांडियन ने ही KGF पाने के लिए तीसरी माइन्स का रास्ता अधीरा को दिखाया था। लेकिन ये सारी बातें उन्होंने एक फ्लैशबैक में दिखाकर निपटा दी। पूरी फिल्म में उन पर पहले ज्यादा फोकस नहीं किया और अंत में सारा ठीकरा बेचारे के सिर मढ़ दिया। जबकि डायरेक्टर को चाहिए था कि उसे साजिश के बारे में बताते समय 15-20 मिनट का समय तो ले ही लेते।

देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के बारे में आज तो हर बच्चा-बच्चा जानता है। लेकिन फिल्म में प्रधानमंत्री को एकदम ठंडा हलवा दिखाया जाता है। जिसे हर कोई जल्दी से खा सकता है। इंदिरा गांधी की सस्ती कॉपी में नजर आईं रमिका सेन उर्फ रवीना टंडन ने स्क्रीन पर कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन पद की मेकर्स ने धज्जियां उड़ा दी। पहले तो तब जब उन्हें एक IAS ऑफिसर PMO में नाम लेकर बुला लेता है। दूसरा तब जब रॉकी उनसे मिलने के लिए फूलों का गुलदस्ता लिए पहुंच जाता है और कोई चेकिंग होती तक नहीं दिखाई जाती। तीसरा जब भरी और चलती संसद में खून से सने हुए, हाथों में बंदूक लिए रॉकी एंटर करता है और गुरु पांडियन को पीएम रमिका सेन के सामने गोलियों से भून देता है। और उस वक्त कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं होता। पीएम का कोई बाउंसर नहीं होता। सदन में सिर्फ यही तीन लोग होते हैं और गोली मारने के बावजूद रॉकी वहां से आराम से निकल जाता है।

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