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द्रौपदी के चीरहरण की तस्वीर 21 करोड़ रुपये में बिकी, जानें इसकी खासियत


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नई दिल्ली – फेमस चित्रकार राजा रवि वर्मा की 130 साल पुरानी एक प्रतिष्ठित पेंटिंग नीलामी में 21.16 करोड़ रुपये में बिकी है. राजा रवि वर्मा को आधुनिक भारतीय कला का जनक कहा जाता है. राजा रवि वर्मा की यह पेंटिंग एक निजी संग्राहक के पास थी. इस पेंटिंग को ‘आधुनिक भारतीय कला’ के शीर्षक के तहत 6 अप्रैल को नीलाम किया गया.

लोगों ने इस बेहद आकर्षक पेंटिंग के लिए 15 से 20 करोड़ रुपये तक की बोली लगाई थी. राजा रवि वर्मा ने अपनी इस पेंटिंग के माध्यम से महाभारत के दौरान हुए ‘द्रौपदी के चीरहरण’ को दर्शाया है. पेंटिंग में महल में कौरवों और पांडवों से घिरी द्रौपदी का दुशासन चीरहरण करने का प्रयास कर रहा है. महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने 1888 और 1890 के बीच वर्मा द्वारा बनाई गई 14 पेंटिंग्स को कमीशन किया था और ‘द्रौपदी चीरहण’ उनमें से एक थी.

राजा ने तत्कालीन बड़ौदा राज्य में बनने वाले लक्ष्मी विलास पैलेस के लिए चित्रों को कमीशन किया था. वर्मा ने महाभारत और रामायण से चित्रकला विषयों को चुना. हिंदू देवी-देवताओं की रंगीन पेंटिंग बनाने वाले वर्मा, तत्कालीन बड़ौदा राज्य में आए और यहां 1881 से 1882 तक चार महीने बिताए. महाराजा सयाजीराव ने मोतीबाग मैदान के पास उनके लिए एक स्टूडियो बनवाया था, जहां वर्मा रुके और 1880 के दशक में काम किया. बता दें कि ‘द्रौपदी चीरहरण’ पेंटिंग का स्वामित्व मौजूदा शाही वंशज समरजीतसिंह गायकवाड के पास नहीं था और यह उनके कला संग्रह का हिस्सा भी नहीं था.

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