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IPO में मई में आएंगे नए नियम,होगा इतना बड़ा फायदा


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नई दिल्ली – छोटे आकार की बोलियां लगाने वाले निवेशकों के हित में ध्यान में रखने के लिए एचएनआई यानी अमीर निवेशकों के अंदर नई श्रेणी बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही न्यूनतम पांच फीसदी कीमत के दायरे (लोअर और अपर बैंड के अंतर) के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया है। सेबी ने आईपीओ के दौरान अमीर निवेशकों के चलते छोटे निवेशकों पर होने वाले असर को ध्यान देते हुए अमीर निवेशकों की दो श्रेणी बनो का पस्ताव दिया है। पहली श्रेणी दो लाख रुपये से 10 लाख रुपये के लिए होगी।

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने इक्विटी शेयरों और कंवर्टिबल्स के सार्वजनिक निर्गम में आवेदन करने वाले इंडिविजुअल निवेशकों के लिए नियम में अहम बदलाव किया है, जो छोटे निवेशकों के लिए बड़ा फायदेमंद साबित हो सकता है। सेबी ने कहा है कि निवेशक अब 5 लाख रुपये तक की आवेदन राशि के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल कर सकेंगे।

नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बढ़ी हुई यूपीआई सीमा के साथ आवेदनों के प्रसंस्करण की सुविधा की समीक्षा की, जिसके बाद यह फैसला किया गया। एनपीसीआई ने दिसंबर, 2021 में इस सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया था।

सेबी द्वारा 2018 से लेकर अप्रैल, 2021 तक आए आईपीओ के विश्लेषण से पता चला है कि 29 आईपीओ में अमीर लोगों के करीब 60 फीसदी आवेदकों को कोई आवंटन हासिल नहीं हुआ। कुछ मामलों में 75 लाख तक निवेश करने वाले निवेशकों को आईपीओ अलॉट नहीं हुआ। सेबी ने अपने मसौदा पत्र में कहा है कि किसी आईपीओ पेशकश का मकसद रिटेल और गैर संस्थागत निवेशकों को समान अवसर मुहैया करना होना चाहिए। अनुपातिक आवंटन की मौजूदा व्यवस्था अधिक जोखिम वाली है। सेबी ने अपने प्रस्ताव को लेकर सुझाव मांगे हैं। लोगों से 20 अक्टूबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।

मार्च 2022 में पहली बार यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface, UPI) के जरिए लेनदेन 5 अरब के आंकड़े को पार कर गया। मार्च का महीना खत्म होने से 2 दिन पहले ही यह मुकाम हासिल कर लिया गया था। जून 2016 में स्थापना के बाद से पेमेंट प्लैटफॉर्म ने लंबा सफर तय किया है।

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