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श्रीलंका में राष्ट्रपति के इस्तीफे के बिना नई सरकार में शामिल न होने पर अड़ा विपक्ष


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श्रीलंका : विपक्षी नेता राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बिना देश में बनने वाली किसी भी एकता सरकार में शामिल नहीं होने पर अड़ गए हैं। वहीं आर्थिक संकट से जूझ रहे देश में कोई भी सांसद वित्तमंत्री का पद लेना नहीं चाह रहा है। इस बीच, मात्र 24 घंटे के भीतर वित्तमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके अली साबरी ने संसद से कहा कि हम 1 अरब डॉलर के संप्रभु ऋण पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित करें।

द्वीपीय राष्ट्र में आर्थिक और सियासी हालात 1948 में अंग्रेजों से आजाद होने के बाद सबसे खराब दौर में हैं। राष्ट्रपति गोतबाया ने संकट से उबरने के लिए कुछ सांसदों को वित्तमंत्री बनने के लिए प्रस्ताव दिए लेकिन कोई भी इस पद को नहीं ले रहा है।

उधर, विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है। जबकि देश भर में गोतबाया के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच, वित्तमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अली साबरी ने विपक्ष से सरकार में बदलाव का आह्वान खत्म करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हम आईएमएफ और विश्व बैंक के पास जाएं और कोई समाधान ढूंढें।

श्रीलंका ने मौजूदा ऋण संकट को संभालने और आईएमएफ व अन्य उधारदाताओं के साथ जुड़ने के लिए आर्थिक-वित्तीय विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति गठित की है। बता दें कि द्वीपीय राष्ट्र इस वक्त विदेशी भंडार की अभूतपूर्व कमी से जूझ रहा है। राष्ट्रपति को अभी नया वित्तमंत्री नियुक्त करना है।

श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सनथ जयसूर्या ने मौजूदा हालात पर चिंता जताई और गंभीर आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे लोगों का समर्थन किया। उन्होंने हालात को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भारत को ‘बड़ा भाई’ बताया।

उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी और बड़े भाई के रूप में भारत ने हमेशा मदद की है। हम भारत सरकार और पीएम मोदी के आभारी हैं। हमारे लिए, मौजूदा परिदृश्य के कारण जीवित रहना आसान नहीं है। हम भारत और अन्य देशों की मदद से इससे बाहर निकलने की उम्मीद करते हैं।

उन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि हालात ठीक नहीं हुए तो ये आपदा में बदल जाएंगे। उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण विरोध की अपील करते हुए अपने राजनीति में आने की खबरों का खंडन किया।

अमेरिका ने श्रीलंका में जारी अशांति के बीच यहां की यात्रा को लेकर अपने नागरिकों को आगाह किया है। अमेरिका ने कोविड-19 महामारी, आतंकवादी खतरों के अलावा ईंधन तथा दवा की कमी की ओर इशारा करते हुए चेताया कि ब्रिटेन से 1948 में मिली आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे खराब दौर में है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने नए परामर्श में श्रीलंका को स्तर-3 में रखा है। उसने श्रीलंका यात्रा पर पुनर्विचार की सलाह दी।

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