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‘आतंकियों को अब घर में घुसकर मारा जाता है’, पीएम मोदी के इस बयान क्या बोला अमेरिका -जानें


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नई दिल्लीः आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की नो टॉलरेंस पॉलिसी से पाकिस्तान पूरी तरह बौखला उठा है। दरअसल, भारत अब न सिर्फ अपने देश में आतंकियों का सफाया कर रहा है बल्कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बैठे आतंकियों का भी सफाया करने में जुटा है।कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारने से नहीं हिचकिचाएंगे। वहीं, पिछले कुछ दिनों के भीतर पाकिस्तान में कई आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया गया।हालांकि,इन आतंकियों की हत्या किसने की है, इसबात की जानकारी पाकिस्तान सरकार के पास नहीं है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत के खुफिया एजेंसी यानी RAW के एजेंट्स पाकिस्तान की धरती पर आतंकियों को निशाना बना रहे हैं।

दोनों देश बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलाझाएं

पाकिस्तान के जरिए लगाए जा रहे इस आरोप पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, अमेरिका ने जो कहा है वो पड़ोसी मुल्क को पसंद नहीं आई होगी। घर में घुसकर मारेंगे वाले बयान पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “जैसा कि मैंने पहले कहा है, अमेरिका पाकिस्तान और भारत के बीच में नहीं आने वाला है। दोनों देश बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलाझाएं।”जब मिलर से पूछा गया कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की कथित हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका ने भारत पर कोई प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया है, तो मिलर ने कहा, “मैं कभी भी किसी भी प्रतिबंध की कार्रवाई का पूर्वावलोकन नहीं करने जा रहा हूं। अमेरिका प्रतिबंधों के बारे खुलकर चर्चा नहीं करता।”

पाकिस्तान ने क्या लगाए आरोप?

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के नागरिकों को मनमाने ढंग से आतंकवादी करार देना और सजा देने का दावा करना साबित करता है कि वो दोषी हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह जरूरी है कि वह भारत को उसकी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराए।गौरतलब है कि भारत सरकार ने द गार्जियन में छपी रिपोर्ट और पाकिस्तान के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।

एक्शन लेने पर नहीं करेंगे विचार

इस दौरान जब प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से मीडिया द्वारा पूछा गया कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका ने भारत पर कोई प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया है, तो मिलर ने कहा, “मैं कभी भी किसी भी प्रतिबंध की कार्रवाई का विचार नहीं करने जा रहा हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी प्रतिबंध लगने वाला है. लेकिन जब आप मुझसे प्रतिबंधों के बारे में बात करने के लिए कहते हैं, तो यह कुछ ऐसा है जिस पर हम खुलकर बातचीत नहीं करते हैं. बता दें कि, गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी है और उसने बार-बार भारत के खिलाफ धमकियां जारी की हैं. गौरतलब है कि अमेरिकी न्याय विभाग ने पहले दावा किया था कि एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसकी पहचान कथित तौर पर पन्नू की हत्या करने के लिए एक हिटमैन को नियुक्त करने के लिए गुप्ता को भर्ती किया था, जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने नाकाम कर दिया था. पिछले साल भारत ने नाकाम हत्या की साजिश के आरोपों की जांच के लिए एक समिति बनाई थी.

क्या है मामला?

बता दें कि, बीते उत्तराखंड के ऋषिकेश में पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि आज देश में एक मजबूत सरकार है. इसके तहत ‘मज़बूत मोदी सरकार, आतंकवादियों को घर में घुस के मारा जाता है’. भारतीय तिरंगा युद्ध क्षेत्र में भी सुरक्षा की गारंटी बन गया है. पीएम मोदी ने कहा कि 7 दशक बाद जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 निरस्त किया गया. साथ ही ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया, यह हमारी मजबूत सरकार थी जिसने संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया और सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिला. पीएम ने कहा था कि भारत ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि वह सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और इस्लामाबाद के साथ संबंधों को सुधारने के लिए वह आतंकवाद को अलग नहीं रख सकता. ऐसा अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है जिसमें कोई आतंक या हिंसा न हो.

भारत आतंकवाद से निपटने के लिए सब कुछ करेगा

हाल ही में न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा था कि अगर पाकिस्तान की मंशा साफ है तो उसे सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. अगर पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए भारत को अस्थिर करने का प्रयास करता है, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे. पाकिस्तान को आतंकवाद को नियंत्रित करने की जरूरत है. सिंह ने कहा कि यदि पाकिस्तान सोचता है कि वह इसे कंट्रोल करने में सक्षम नहीं है, तो भारत एक पड़ोसी है. अगर वे भारत की मदद लेना चाहते हैं, तो उन्हें लेनी चाहिए. भारत आतंकवाद से निपटने के लिए हर तरह की मदद देने को तैयार है. उन्होंने कहा, “वे हमारे पड़ोसी हैं और अगर उनकी मंशा साफ है कि आतंकवाद खत्म होना चाहिए तो उन्हें खुद ऐसा करना चाहिए या भारत से मदद लेनी चाहिए. हम दोनों आतंकवाद खत्म कर सकते हैं. हाल ही में एक टीवी साक्षात्कार में की गई उनकी ‘घुस के मारेंगे’ टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए सब कुछ करेगा. उन्होंने कहा, “हम आतंकवादियों को भारतीय सीमा के भीतर काम करने की अनुमति नहीं देंगे. हम इसे रोकने के लिए सब कुछ करेंगे. सवाल पूछे जाने पर कि क्या सीमा पार ऐसी कार्रवाई की जा सकती है, उन्होंने कहा, ‘हम देखेंगे कि क्या हो सकता है.हाल ही में ब्रिटेन के अखबार ‘द गार्डियन’ ने अपनी एक खबर में कहा था कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 2019 के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति कठोर रुख अपनाते हुए पाकिस्तान में आतंकवादियों की हत्याएं कीं हैं. रक्षा मंत्री से इसी संबंध में प्रश्न किया गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने भी सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए कथित तौर पर इसी प्रकार की कार्रवाई की बात कई बार दोहराई है.

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