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एक ऐसा गाँव जहाँ लोग चलते-चलते अचानक सो जाते हैं, फिर कब उठेंगे कोई नहीं जानता


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मुंबई : पर्याप्त नींद सभी की जरूरत होती है। हमने अक्सर देखा है कि बहुत से लोग बैठे-बैठे भी सो जाते हैं। हमने देखा है कि बच्चों को पढ़ाया जाए तो वे तुरंत सो जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप कभी सोच भी नहीं सकते।

ऐसा ही एक गांव है जहां लोग चलते-चलते या ऑफिस में काम करते लरते सो जाते हैं। तो आइए जानते हैं उस गांव की दिलचस्प कहानी के बारे में।

कजाकिस्तान में कलची नाम का एक छोटा सा गांव है। जहां लोग कई सालों से एक अजीबोगरीब बीमारी का सामना कर रहे हैं। इस समस्या से पीड़ित लोग अगर पैदल चल रहे हों या कोई काम कर रहे हों तो अचानक वहीं सो जाते हैं। और फिर यह निश्चित नहीं है कि आदमी कब जागेगा। अक्सर लोग हफ्तों से सो रहे होते हैं। और अक्सर एक दिन में जाग जाता है।

इस गांव के लोगों की समस्या देखकर वैज्ञानिक भी नाराज हो जाते हैं कि आखिर इस तरह सोने के पीछे क्या कारण हो सकता है। इस गांव में करीब 200 लोग रहते हैं। 200 से अधिक लोगों को इस प्रकार की समस्या है। और अक्सर कई लोगों की नींद में ही मौत हो जाती है। कुछ शोधों के बाद जो कारण सामने आया है, उनमें से एक यह है कि इस क्षेत्र में कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का स्तर अधिक है। इसलिए इन लोगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। और ऑक्सीजन की कमी के कारण उनको नींद आ जाती है।

अक्सर ऐसा होता है कि गांव में हर किसी के साथ ऐसा होता। तो फिर सिर्फ कुछ लोग ही क्यों? यही एक कारण है कि वैज्ञानिकों ने फिर से जांच की और पाया कि इस क्षेत्र में यूरेनियम खदानों से कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जित हो रहा है। और यह समस्या उत्पन्न हो रही है। हालांकि यह समस्या पिछले आठ से दस साल में शुरू हुई है। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था।

इस तरह का पहला मामला 2010 में सामने आया था। तब से लोग एक अजीब प्रकार की बीमारी से पीड़ित हैं।

फिलहाल सरकार गांव को खाली कराकर दूसरे गांव में स्थानांतरित करने पर भी विचार कर रही है। अगर इस गांव को खाली नहीं कराया गया तो पूरे गांव को इस बीमारी का शिकार होना पड़ सकता है।

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