मुंबई: देश में कोरोना की गहरी मार झेलने वाले राज्यों में एक महाराष्ट्र और दि्ल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना जरूरी नहीं रह गया है। महाराष्ट्र सरकार ने 2 अप्रैल से प्रभावी नई गाइडलाइंस में मास्क को मात्र एक विकल्प रहने दिया है जिसका मतलब ये है कि बिना मास्क निकलने पर अब ना कोई जुर्माना होगा और ना कोई रोक-टोक।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी मास्क पहनने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है लेकिन लोगों को सलाह दी गई है कि वो मास्क पहनना जारी रखें। दोनों राज्यों में खुली जगह पर मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगता था।
महाराष्ट्र में कोरोना (Covid) संबंधी सभी प्रतिबंध दो अप्रैल से खत्म हो जाएंगे। अब मास्क लगाना भी जरूरी नहीं होगा। राज्य में कोरोना के मामले लगभग थम गए हैं। राज्य सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में आपदा प्रबंधन से जुड़े नियम लगाए थे। धारा 144 को हटा लिया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मास्क पहनना स्वैच्छिक होगा।
गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। टोपे ने कहा कि गुढ़ी पड़वा (मराठी नव वर्ष जो इस बार 2 अप्रैल को पड़ता है) से महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सभी COVID-19 संबंधित प्रतिबंध वापस ले लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल से फेस मास्क पहनना स्वैच्छिक होगा।
हालांकि एक दिन पहले बुधवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि अन्य देशों में कोरोना की चौथी लहर की आशंका है। ऐसे में मास्क हटाने का फैसला नहीं लिया जाएगा। जनहित में मास्क लगाना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मास्क के पक्ष में है। हालांकि एक दिन ये फैसला बदल गया।
महाराष्ट्र में अब तक 14 जिलों के 70 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज़ दी गयी है। जबकि 90 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन की एक डोज़ लगी हुई है। इन आंकड़ों को देखते हुए सरकार अब नागरिकों पर लगाये गए कोरोना प्रतिबंधों में ढील दे दी है।
कोरोना महामारी को देखते हुए एपिडेमिक एक्ट 1897 के तहत दवाओं के दाम निर्धारित करने और अस्पतालों में तय कीमतों पर इलाज जैसे नियमों को लागू किया गया था। यह नियम आने वाले दिनों में भी लागू रहेंगे। स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्यों ने कहा कि भले ही कोरोना के मामले घटने की वजह से कोरोना सबंधी प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है लेकिन मामलों में बढ़ोतरी देखी जाएगी तो यह प्रतिबंध फिर से लागू किये जायेंगे।