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COVID-19 के कारण देश के एविएशन वर्कर्स में से 10% ने गंवाई नौकरी


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नई दिल्ली: भारत में कोरोना महामारी देर से आई थी। लॉकडाउन के बाद हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर ने देश को सामाजिक और आर्थिक रूप से बहुत बड़ा झटका दिया है। कोरोना की सबसे ज्यादा मार एविएशन और रेस्टोरेंट सेक्टर पर पड़ी है। कोरोना महामारी के इस डेढ़ साल के दौर ने भारत के एविएशन सेक्टर में 10% नौकरियां खत्म कर दी हैं। सरकार ने भी आखिरकार यह मान लिया है कि एविएशन सेक्टर को कोरोना की भारी मार पड़ी है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को कहा कि अप्रैल, 2020 और दिसंबर, 2021 के बीच, भारतीय विमानन क्षेत्र में लगभग 10 प्रतिशत नौकरियां COVID-19 महामारी के कारण चली गईं।

वैश्विक महामारी ने एयरलाइंस, हवाई अड्डों, ग्राउंड हैंडलिंग और एयर कार्गो क्षेत्रों में कुल 19,200 नौकरियों का नुकसान किया है। सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में नौकरियों की कुल संख्या लगभग 1.9 लाख है, जिसके मुकाबले महज डेढ़ साल में 10 फीसदी नौकरियां चली गई हैं। दिलचस्प बात यह है कि अप्रैल 2020 और दिसंबर 2021 के बीच एयरलाइंस, एयरपोर्ट और ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों की कुल संख्या में कमी आई जबकि एयर कार्गो कंपनियों के लिए काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई।

एयर कार्गो सेक्टर में कर्मचारियों की कुल संख्या 31 मार्च, 2020 को लगभग 9600 से बढ़कर 31 दिसंबर, 2021 तक लगभग 10,500 हो गई है। सिंह ने कहा कि भारत में एयरलाइंस के साथ काम करने वाले कर्मचारियों की कुल संख्या 31 मार्च, 2020 को 74,800 से घटकर 31 दिसंबर, 2021 को 65,700 हो गई है।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) देश भर में 100 से अधिक हवाई अड्डों का संचालन करता है। हालांकि, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, गुवाहाटी, जयपुर, लखनऊ, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम जैसे प्रमुख हवाई अड्डों का संचालन निजी ऑपरेटरों द्वारा किया जाता है। ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों में कर्मचारियों की संख्या अप्रैल 2020 में 30,800 से घटकर दिसंबर 2021 में 27,600 हो गई है।

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