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ED पुष्पक सर्राफा मामले में बिजमैन के खिलाफ कोर्ट जाएगा


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नई दिल्ली: वर्तन निदेशालय पुष्पक समूह की कंपनियों में से एक, पुष्पक बुलियन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में कथित हवाला व्यवसायी नंदकिशोर चतुर्वेदी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट प्राप्त करने के लिए अदालत का रुख कर सकता है। ईडी ने हाल ही में इसी मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बहनोई श्रीधर पाटणकर की 6.45 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि चतुर्वेदी मुखौटा कंपनियों का प्रबंधन कर रहे थे और श्री साईबाबा गृहिणी मिरी प्राइवेट को 30 करोड़ रुपये से अधिक के असुरक्षित ऋण देने की आड़ में अपनी फर्म हमसफर डीलर प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से नकदी को डायवर्ट किया। लिमिटेड, जिसे कथित तौर पर पाटनकर द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।

इस प्रकार, पटेल द्वारा चतुर्वेदी की मिलीभगत से निकाले गए धन को श्री साईबाबा गृहिणी र्मिती प्राइवेट लिमिटेड की अचल संपत्ति परियोजनाओं में पार्क किया गया था। 2017 में, ईडी ने पुष्पक बुलियन और समूह की कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी। इसने महेश पटेल, चंद्रकांत पटेल, उनके परिवार के सदस्यों और उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों की 21.46 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति भी कुर्क की थी।

ईडी को जांच में पता चला कि पटेल ने चतुर्वेदी की मिलीभगत से पुष्पक रियल्टी के फंड को डायवर्ट और लेयर किया था। पुष्पक रियल्टी डेवलपर ने बिक्री की आड़ में चतुर्वेदी द्वारा नियंत्रित फार्मों को 20.02 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए।

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