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रूस ने नॉर्थ अटलांटिक समंदर में उतार दी परमाणु पनडुब्बियां, महायुद्ध छिड़ने की आशंका


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नई दिल्ली – रूस और यूक्रेन के बीच लगातार 31वें दिन भी जंग जारी है। दोनों देश एक दूसरे से समझौता करने के लिए तैयार नहीं हो रहे। रूसी सेना आए दिन और अधिक आक्रामक होती जा रही है। इस बीच रूस ने दावा किया है कि उसके सैन्य अभियान का पहला चरण लगभग पूरा हो गया है और इसके बाद उसके सैनिक पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को पूरी तरह से मुक्त करने पर केंद्रित करेंगे।

दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दक्षिणपूर्वी पोलैंड की यात्रा की, जहां उन्होंने अमेरिकी सैनिकों और शरणार्थियों की सहायता करने वाले सहायता कर्मियों से मुलाकात की। इस बीच पश्चिमी देशों को धमकाने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर अटलांटिक महासागर में अपने परमाणु पनडुब्बियों को रवाना कर दिया है. उत्तर अटलांटिक महासागर के आस-पास ही यूरोप के कई देश मौजूद हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को अंजाम भुगतने की धमकी देने के एक दिन बाद परमाणु पनडुब्बियों को उत्तरी अटलांटिक में भेज दिया है. बता दें कि पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण के कुछ समय बाद ही अपने न्यूक्लियर डिटरेंट फोर्सेज को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया था. अब कई रूसी पनडुब्बियां जो कि 16 बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं, उत्तरी अटलांटिक महासागर में उतर गई हैं. पश्चिम देशों की खुफिया एजेंसियां पुतिन के न्यूक्लियर हथियारों के जखीरे पर पैनी नजर रखी हुई है.

याद हो कि पुतिन के पास 4,447 परमाणु हथियारों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु जखीरा है. इनमें से हजारों न्यूक्लियर हथियार ऐसे विकसित किए गए हैं कि जो शत्रु के खास ठिकाने को पूरी तरह से तहत-नहस कर सकते हैं. जबकि इससे व्यापक विनाश नहीं होता है. सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि इन हथियारों का इस्तेमाल इतना आसान नहीं है लेकिन रूस के वैज्ञानिक बमों और मिसाइलों को लेकर खासे निपुण हैं.

दूसरे स्ट्रेटेजिक लोकेशन पर होने की वजह से जरूरत पड़ने पर उन्हें आसानी से लॉन्च किया जा सकता है. इसलिए रूस अपने न्यूक्लियर डेटरेंट को अलर्ट पर रखता है. पश्चिमी विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन युद्ध में खतरनाक दिखने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल पुतिन पश्चिम को संदेश देना चाहते हैं कि पश्चिमी देश इस युद्ध से बाहर रहे.

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