यूक्रेन के बाद यमन में युद्ध शुरू, सऊदी अरब कर रहे भीषण हमले
नई दिल्ली – यूक्रेन युद्ध से पहले ही दुनिया परेशान है। इस बीच अब अब यमन में भी हूती विद्रोहियों के खिलाफ युद्ध शुरू हो चुका है और सऊदी अरब के नेतृत्व में गठबंधन सेना ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ काफी तेज हमले शुरू कर दिए हैं। हूती विद्रोहियों ने पहले सऊदी अरब पर हमले किए हैं, जिसके बाद सऊदी अरब ने भी हूती विद्रोहियों के खिलाफ तेजी से ऑपरेशन शुरू कर दिए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यमन में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने अपनी तेल सुविधाओं पर हमलों को रोकने और “वैश्विक ऊर्जा स्रोतों की रक्षा” करने के लिए शनिवार को एक सैन्य अभियान शुरू किया। सऊदी गठबंधन ने कहा कि, वह यमन की हूती नियंत्रित राजधानी सना और लाल सागर बंदरगाह शहर होदेइदाह में हवाई हमले कर रहा है। गठबंधन सेना ने कहा कि, इसका उद्देश्य “वैश्विक ऊर्जा स्रोतों की रक्षा करना और आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना” है और यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि यह अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लेता। गठबंधन सेना ने कहा कि, ऑपरेशन अपने शुरुआती चरण में है और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को “शत्रुतापूर्ण व्यवहार” के परिणाम भुगतने चाहिए।
नागरिकों को होदेइदाह में किसी भी तेल साइट या सुविधा से दूर रहने के लिए कहा गया है। सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ ये ऑपरेशन उस वक्त शुरू किए हैं, जब शुक्रवार को सऊदी ऊर्जा सुविधाओं पर हूती विद्रोहियों द्वारा हमले शुरू किए हैं। सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने कहा कि, जेद्दा में तेल की दिग्गज कंपनी अरामको के पेट्रोलियम उत्पाद वितरण स्टेशन पर हमला किया गया है। जिससे दो भंडारण टैंकों में आग लग गई, हालांकि, किसी की जान नहीं गई है। सऊदी सैन्य गठबंधन ने बाद में कहा कि, उसने यमन से आ रहे दो ड्रोन हमलों को नाकाम किया है, जिन्हें होदेइदाह में तेल सुविधाओं से राज्य की ओर लॉन्च किया गया था।
सऊदी ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि, सऊदी अरब ने “तोड़फोड़ के हमलों” की कड़ी निंदा की है और सऊदी अरब ने फिर से कहा है कि, अगर हूती विद्रोहियों के हमलों की वजह से तेल आपूर्ति में गड़बड़ी आती है, तो इसके लिए सऊदी अरब जिम्मेदार नहीं होगा।