Well Done India! रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का निर्यात, पंहुचा 400 अरब डॉलर तक
नई दिल्ली – कोरोना संकट और रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजे हालात के बीच भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत ने पहली बार 400 अरब डॉलर के माल निर्यात का लक्ष्य हासिल किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज इस बात की जानकारी देते हुए ट्वीट किया है, ” भारत ने पहली बार 400 अरब डॉलर के माल निर्यात का लक्ष्य हासिल किया है। मैं इस सफलता के लिए अपने किसानों, बुनकरों, एमएसएमई, निर्माताओं, निर्यातकों को बधाई देता हूं। यह हमारी आत्मनिर्भर भारत यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”
भारत सरकार की ओर से तय की गई अवधि से 9 दिन पहले ही इस लक्ष्य को पूरा किया गया है. आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने हर दिन औसतन 1 अरब डॉलर का निर्यात किया. वहीं, महीने के हिसाब से देखें तो हर महीने 33 अरब डॉलर वस्तुओं का निर्यात किया गया. भारत का आयात (Indian Export) भी कच्चे तेल और सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण 36 फीसदी बढ़ गया है. इसी कारण जनवरी में 17.4 अरब डॉलर का व्यापार घाटा फरवरी में 20.9 अरब डॉलर हो गया.
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद फरवरी में भारत की सेवाएं और विनिर्माण गतिविधि स्थिर रहीं. ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा संकलित किए गए सभी आठ हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स ने स्थिरता का संकेत दिया है.
India set an ambitious target of $400 Billion of goods exports & achieves this target for the first time ever. I congratulate our farmers, weavers, MSMEs, manufacturers, exporters for this success.
This is a key milestone in our Aatmanirbhar Bharat journey. #LocalGoesGlobal pic.twitter.com/zZIQgJuNeQ
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2022
निर्यात वृद्धि में खास तौर पर पेट्रोलियम उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चमड़ा, कॉफी, प्लास्टिक, रेडीमेड परिधान, मांस एवं दुग्ध उत्पाद, समुद्री उत्पाद और तंबाकू की अहम भूमिका रही है. भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फिओ) के महानिदेशक अजय सहाय ने इसे देश के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए कहा कि निर्यातकों ने तमाम लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद एक साल में ही निर्यात में 110 अरब डॉलर की वृद्धि कर ली है. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले को कायम रखना और उसे आगे बढ़ाना अधिक महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कुछ देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं का भी साथ मिलेगा.