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पश्चिम बंगाल हिंसा, मरने वालों की संख्या हुई 17


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पश्चिम बंगाल : विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद बीते रविवार से जारी हिंसा जस की तस है। बीते 24 घंटो के दौरान राज्य के विभिन्न इलाको में तीन और लोगों की मौत के साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 17 तक पहुंच गया है।

बीजेपी ने इनमें से नौ के अपना कार्यकर्ता होने का दावा किया है तो टीएमसी ने अपने सात लोगों की बीजेपी के हाथों हत्या का आरोप लगाया है। एक व्यक्ति को इंडियन सेक्युलर फ्रंट का कार्यकर्ता बताया गया है। इसबीच, राज्य के कुछ हिस्सों से तोड़-फोड़ औऱ आगजनी की खबरें भी आई हैं।

सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि रविवार रात से जारी हिंसा में अब तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 17 लोगों की मौत हो चुकी है। बीजेपी ने इनमें से नौ के अपना कार्यकर्ता होने का दावा किया है और टीएमसी ने सात के. बाकी एक व्यक्ति को इंडियन सेक्युलर फ्रंट का कार्यकर्ता बताया गया है।

इसबीच, बीजेपी के अध्यक्ष जे.पी.नड्डा दो दिनों के दौरे पर कोलकाता में हैं। उन्होंने मंगलवार शाम को इस हिंसा में कथित टीएमसी समर्थकों के हाथों मारे गए पार्टी के दो कार्यकर्ताओं के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की।

दूसरी ओर, ममता बनर्जी का आरोप है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव में अपनी शर्मनाक हार पचा नहीं पा रही है। इसलिए वह सांप्रदायिक हिंसा भड़का कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कराने का प्रयास कर रही है।

बीते 24 घंटों के दौरान पूर्व मेदिनीपुर के अलावा पश्चिम मेदिनीपुर, बीरभूम, जलपाईगुड़ी और दक्षिण दिनाजपुर से हिंसा की खबरें मिली हैं।

पूर्व मेदिनीपुर के बीजेपी जिला अध्यक्ष प्रलय पाल दावा करते हैं, “टीएमसी कार्यकर्ताओं के अत्याचार से आजिज आकर पार्टी के कई कार्यकर्ता जान बचाने के लिए घर से भाग गए हैं। इलाके में कई जगह घरों में लूटपाट और आगजनी की घटनाएं हुई हैं और महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया है। ”

पश्चिम मेदिनीपुर के बीजेपी नेता अरूप पाल का दावा है, “टीएमसी के लोगों ने विभिन्न इलाकों में तांडव मचा रखा है। इससे पूरे इलाके में आतंक का माहौल है.लेकिन जिला टीएमसी अध्यक्ष अजित माइती बीजेपी के आरोपों को निराधार बताते हैं।”

जलपाईगुड़ी और दक्षिण दिनाजपुर जिले के बीजेपी नेताओं ने भी टीएमसी पर हिंसा और आगजनी के आरोप लगाए हैं। लेकिन टीएमसी का कहना है कि बीजेपी ने भी पार्टी (टीएमसी) के लोगों पर हमले किए हैं और इसका गलत प्रचार कर रही है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि हिंसा की घटनाओं को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर बीजेपी बंगाल में राष्ट्रपति लागू शासन लागू कराने का प्रयास कर रही है।

उनका कहना था, “राज्य में चुनाव बाद हिंसा की कुछ घटनाएं जरूरी हुई हैं। लेकिन बीजेपी इस आग में घी डालने का प्रयास कर रही है। हिंसा उन इलाकों में ज्यादा हो रही है जहां बीजेपी जीती है। इस हिंसा को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिशें भी हो रही हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

ममता का कहना है कि चुनाव में अपनी शर्मनाक हार नहीं पचा पाने की वजह से ही बीजेपी यह सब कर रही है।

ममता ने मंगलवार को अपने आवास पर मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और कोलकाता के पुलिस आयुक्त के साथ बैठक में हिंसा से उपजी परिस्थिति की समीक्षा की और प्रशासन को इस पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया।

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