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किन्नर केवल एक रात के लिए करते हैं शादी, जानिए वजह


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मुंबई : धरती पर नर और नारी से हटकर भी एक प्रजाति होती है जिसे किन्नर कहा जाता है। आप लोगों ने अक्सर उन्हें शादी, विवाह, बच्‍चों के जन्‍म आदि मौकों पर शिरकत करते हुए देखा होगा। हमारे धर्म ग्रंथों में इन्हें सम्मानित स्थान दिया गया है। महाभारत में उल्लेख मिलता है कि अर्जुन भी एक शाप के कारण साल भर किन्नर रूप में रहे थे।

आमतौर पर यह माना जाता है कि किन्नर विवाह नहीं करते। लेकिन कम लोगों को पता है कि किन्नर भी शादी करते हैं और उनकी शादी आम लोगों से अलग होती है। उनकी शादी जीवन भर के लिए नहीं बल्कि महज एक रात की होती है। एक रात में ही किन्नर सुहागन से विधवा बन जाते हैं।

किन्नर केवल एक रात के लिए अपने भगवान से विवाह करते हैं। उसके अगले दिन ये खुद को विधवा कर लेते हैं। इनके भगवान हैं अर्जुन और नागकन्या उलूपी की संतान इरावन जिन्हें अरावन के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के पुजारी उन्हें मंगलसूत्र पहनाते हैं।

अगर आपको भी किन्‍नरों का विवाह उत्सव देखना हैं तो इसके लिए आपको तमिलनाडु जाना होगा। यहां तमिल नववर्ष की पहली पूर्णमासी को किन्‍नरों के विवाह का उत्सव शुरू होकर 18 दिनों तक चलता है। 17वें दिन ये अपने भगवान इरावन के साथ ब्याह रचाते हैं और अगले दिन सारा श्रृंगार उतारकर विधवा की भांति विलाप करते हैं।

किन्नरों के विवाह के बाद जश्न मनाया जाता है और उसके बाद उनके भगवान इरावन को पूरे शहर में घुमाया जाता है। फिर भगवान की मूर्ति को तोड़ दिया जाता है। इसके साथ ही किन्नर अपना श्रृंगार उतारकर एक विधवा की तरह विलाप करने लगते हैं।

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