पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने जमकर की भारत की तारीफ
नई दिल्ली – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत की जमकर तारीफ की है। खान ने ‘स्वतंत्र विदेश नीति’ की सराहना की और कहा कि उसने यूक्रेन पर हमले की वजह से रूस पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद मॉस्को से कच्चे तेल का आयात किया है. भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कड़े आलोचक रहे खान ने भारतीय विदेश नीति की खुलकर सराहना की.
खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में एक रैली को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि वह पड़ोसी देश भारत की सराहना करेंगे, क्योंकि उसके पास अपनी एक ‘स्वतंत्र विदेश नीति’ रही है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत क्वाड समूह का हिस्सा है और उसने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूस से कच्चे तेल आयात किया. अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड समूह के सदस्य देश हैं. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर 24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई के जवाब में अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. खान ने कहा कि उनकी विदेश नीति भी पाकिस्तानी जनता के हित में रहेगी.
संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने से पहले इमरान खान जनसमर्थन हासिल करने के लिए रैली कर रहे हैं. खान ने कहा, ‘मैं किसी के सामने नहीं झुका और अपने देश को भी किसी के आगे झुकने नहीं दूंगा.’ विदेश नीति से जुड़े जटिल मामलों की चर्चा जनसभा में नहीं करने की परंपरा को तोड़ते हुए खान ने उल्लेख किया कि उन्होंने यूरोपीय संघ के राजदूतों को ‘साफ तौर पर ना’ कह दिया जो यूक्रेन-रूस युद्ध में रूस के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन चाहते थे. खान ने कहा कि ऐसा इसलिए किया, क्योंकि ‘उन्होंने यह अनुरोध कर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया था.’
India’s Policies are for the PEOPLE—Pak PM #ImranKhan #ModiGovt could not have asked for a better campaigner.
— Levina🇮🇳 (@LevinaNeythiri) March 20, 2022
Also, he appreciated India’s independent foreign policy. 😊pic.twitter.com/Jav0W3jtH5
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यूरोपीय संघ का अनुरोध मानकर कोई लाभ नहीं होता. खान ने कहा, ‘हम अफगानिसतान में आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध का हिस्सा बने और 80 हजार लोगों और 100 अरब डॉलर खोया.’ गौरलतब है कि इमरान ने दूसरी बार यूरोपीय संघ और अन्य पश्चिमी देशों के खिलाफ बयान दिया है जिन्होंने कथित तौर पर इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान से यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा करने को कहा था. खान ने पिछले संबोधन में यूरोपीय संघ से पूछा था कि क्या वह इसी तरह की मांग भारत से करेगा.