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जैव हथियारों पर रोक का किया समर्थन, कहा- वार्ता-कूटनीति से ही हल हो सकता है यूक्रेन संकट: यूएनएससी में भारत


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नई दिल्ली : यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को लेकर यूएनएससी की बैठक के दौरान अमेरिका और रूस ने यूक्रेन में बायोलॉजिकल वेपन (जैव हथियार) के मुद्दे पर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। वहीं, भारत ने इन हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाले सम्मेलन का समर्थन किया।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बायोलॉजिकल टॉक्सिन वेपन्स कन्वेंशन (बीडीडब्ल्यूसी) की वकालत की है और कहा है कि इसका अक्षरश: क्रियान्वयन सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। यूएनएससी में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि (डीपीआर) आर रविंद्र ने कहा कि भारत बीटीडब्ल्यूसी को एक प्रमुख वैश्विक और गैर भेदभावपूर्ण निरस्त्रीकरण कन्वेंशन के रूप में बहुत महत्व देता है। यह सार्वजनिक विनाश के हथियारों की एक पूरी श्रेणी पर प्रतिबंध लगाता है।

रविंद्र ने कहा कि बीटीडब्ल्यूसी का अक्षरश: पूर्ण और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। हम मानते हैं कि बीटीडब्ल्यूसी के तहत दायित्वों से संबंधित किसी भी मामले को कन्वेंशन के प्रावधानों के अनुसार और संबंधित पक्षों के बीच परामर्श और सहयोग के माध्यम से संबोधित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम ने कहा कि हम यूक्रेन में बिगड़ते हालात को लेकर चिंतित हैं और रूस व यूक्रेन के बीच कूटनीतिक वार्ता के हालिया दौर का स्वागत करते हैं।

यूक्रेन संकट के हल के लिए भारत ने वार्ता और कूटनीति की जरूरत को एक बार फिर दोहराया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हम मानते हैं कि संभी शत्रुताओं को तुरंत समाप्त करना और बुद्धिमानी से वार्ता और कूटनीति की राह पर चलना इस विवाद को हल करने का और आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। हमें इस काम में यूएन चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का सम्मान करना होगा।

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