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सवर्ण आयोग की मांग पर हिमाचल में बवाल: उग्र प्रदर्शनकारियों ने तोड़े कई वाहन, पथराव में एएसपी समेत नौ घायल


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हिमाचल प्रदेश: सवर्ण आयोग एक्ट के गठन की मांग को लेकर बुधवार को हिमाचल प्रदेश में दिनभर बवाल मचा रहा। डंडे-लाठियां लेकर पहुंचे देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण संगठन के हजारों प्रदर्शनकारियों ने राजधानी शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर समेत अन्य जिलों में प्रदर्शन के दौरान पुलिस व कई अन्य वाहनों पर पथराव किया। पुलिस से झड़प के दौरान एक एएसपी समेत नौ पुलिस कर्मी घायल हो गए। सरकारी तामझाम ध्वस्त हो गया। धारा 144 लागू होने के बावजूद राजधानी शिमला में प्रदर्शन के दौरान पांच घंटे अराजकता जैसा माहौल रहा।

दोपहर बाद शिमला में प्रदर्शन के दौरान देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने देवभूमि पार्टी बनाने और विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान कर दिया, जिससे संगठन दोफाड़ हो गया। आंदोलनकारी आपस में ही उलझ गए। आंदोलनकारियों का एक बड़ा वर्ग अध्यक्ष रुमित ठाकुर के खिलाफ विरोध में नारे लगाने के बाद प्रदर्शन स्थल से लौट गया। पुलिस अधीक्षक शिमला मोनिका भुटूंगरू ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ थाना बालूगंज में हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।

सिरमौर के ददाहू में भी 120 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। इसके अलावा बिलासपुर में 19 घंटे तक देवभूमि क्षत्रिय संगठन का महासचिव योगेश ठाकुर हिरासत में रखा गया। तीन अन्य सदस्य भी पुलिस ने गिरफ्तार किए। इससे पहले सिरमौर से शिमला रैली में जा रहे देवभूमि क्षत्रिय संगठन के कार्यकर्ताओं और पुलिस की मंगलवार रात को दो सड़का के समीप भी झड़प हुई।

नाहन, शोघी और तारादेवी में भी प्रदर्शनकारी पुलिस से उलझे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के पथराव में पांच पुलिस कर्मी घायल हो गए। मेडिकल कॉलेज नाहन में उपचार के बाद उन्हें घर भेजा दिया। इसके बाद बुधवार सुबह प्रदेश भर से प्रदर्शनकारी राजधानी शिमला पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने खुफिया एजेंसियों और पुलिस की सारी रणनीति को फेल कर दिया।

देवभूमि क्षत्रिय संगठन की ये हैं मांगें
– सामान्य वर्ग आयोग की जगह सवर्ण आयोग चाहिए
– सामान्य वर्ग आयोग की सरकार की ओर से हाल ही में निकाली अधिसूचना महज औपचारिकता है। आयोग की एक्ट बनाकर स्थापना करें।
– आयोग में नियुक्तियां मौजूदा प्रावधानों के अनुसार राजनीतिक होंगी। ये गैर राजनीतिक और सक्षम लोगों की होनी चाहिए
-सवर्ण लोगों के अधिकारों की आयोग रक्षा करे और – एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए इसमें कार्रवाई का प्रावधान हो। ये सिविल कोर्ट की तरह काम करे।

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