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विज्ञान

चांद पर बसाया जाएगा गांव! ऐसे निकाले जायेंगे ऑक्सीजन


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नई दिल्ली – चांद तक पहुंचने का सफर तो सफल हो चूका है। लेकिन अब वैज्ञानिक चांद पर गांव बसाने की सोच रहे है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक निकाली है, जिसके ज़रिये चांद पर ही मौजूद चट्टानों से ऑक्सीज़न खींचकर निकाला जाएगा और इंसानी बस्ती बनाई जाएगी. यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने इस तकनीक का ब्लूप्रिंट बनाने का काम एक निजी कंपनी को दिया है.

यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने एक निजी कंपनी के साथ 8.40 लाख पाउंड स्टर्लिंग यानि 8.47 करोड़ की डीली की है. इस निजी कंपनी का नाम है थेल्स एलेनिया स्पेस। कंपनी को ऐसी तकनीक का ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए कहा गया है, जिससे जांच के पत्थरों से ऑक्सीजन निकाला जा सके. यूरोपियन स्पेस एजेंसी की योजना है कि वो चांद के पत्थरों से ऑक्सीजन निकालने की ऐसी तकनीक विकसित कराए, जिससे एक मानवरहित अंतरिक्षयान के ज़रिये चांद पर भेजा जाए और इंसानी बस्ती बनाने में मदद ली जाए. इस तकनीक के ज़रिये अंतरिक्षयान चांद के पत्थरों को तोड़कर उसमें से ऑक्सीजन निकालकर एक खास टैंक में संभालकर रखा जाएगा. थेल्स एलेनिया स्पेस के रोजर वार्ड के मुताबिक अगले दो साल के अंदर ये प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया जाएगा. वे चांद पर रिसर्च स्टेशन बनाना चाहते हैं.

फिलहाल चांद पर आना-जाना इतना जल्दी नहीं होता, लेकिन इस तरह के प्रोजेक्ट से इंसान का चांद पर जाना आसान हो जाएगा. किसी भी दूसरे ग्रह पर बसने के लिए सबसे बड़ी ज़रूरत संसाधनों की होती है. साउथ यॉर्क के रोथरहैम में मौजूद ब्रिटेन की फर्म मेटालिसिस (Metalysis) ने ऐसा केमिकल प्रोसेस तैयार कर लिया है, जो पत्थरों से ऑक्सीज़न निकाल सकता है. इस तरह की ऑक्सीज़न को इकट्ठा करके चांद पर रीफ्यूलिंग स्टेशन बनाया जाएगा. इससे अंतरिक्ष में दूर तक इंसानी मिशनों को भेजा जा सकेगा.

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