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127 साल पुराना गोदरेज परिवार का हुआ बंटवारा


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नई दिल्ली – गोदरेज फैमिली (Godrej Family) जिसे पुराने कारोबारी घरानों में शामिल किया जाता है। एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। बता दें कि गोदरेज ग्रुप (Godrej Group) 127 साल पुराना है। अब इस ग्रुप को दो हिस्सों में बांटा जाएगा।गोदरेज कंपनी की स्थापना 1897 में अर्देशिर गोदरेज ने की थी। यह पेशे से वकील थे पर बाद नें वकालत छोड़कर उन्होंने ताला बनाने का बिजनेस शुरू किया। उनके द्वारा बनाए गए ताले मजबूत के साथ किफायती भी थे।इसके बाद उन्होंने साबुन बनाना शुरू किया। उन्होंने स्वेदेशी आंदोलन से प्रेरित होकर सबसे पहला एनिमल-फैट-फ्री साबुन बनाया। उन्होंने इस साबुन का नाम छवि दिया।

लिस्टेड कंपनियां : ग्रुप की जो 5 कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड हैं, वे आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर के हिस्से में आई हैं। इनकी वैल्यू करीब 2.40 लाख करोड़ रुपये है।
नॉन-लिस्टेड कंपनी : ग्रुप की नॉन-लिस्टेड कंपनी (गोदरेज एंड बॉयस) चचेरे भाई जमशेद गोदरेज और चचेरी बहन गोदरेज कृष्णा के हिस्से में आई हैं। इसका टर्नओवर 16 हजार करोड़ रुपये है।

शेयरधारकों के मालिकाना हक का पुनर्गठन

परिवार में ग्रुप के बंटवारे के बाद शेयरधारकों के मालिकाना हक का भी पुनर्गठन बताया गया है। ग्रुप ने अपने बयान में बताया है कि आदि के बेटे पिरोजशा गोदरेज इंस्ट्रीज ग्रुप के एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरपर्सन होंगे।

क्यों हो रहा गोदरेज परिवार में बंटवारा

गोदरेज दो हिस्सों में बंट रहा है. एक तरफ आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा हैं. आदि गोदरेज समूह के अध्यक्ष हैं तो नादिर गोदरेज इंडस्ट्रीज और गोदरेज एग्रोवेट में अध्यक्ष पद पर है. जबकि उनके चचेरे भाई जमशेद नॉन-लिस्टेड गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के अध्यक्ष हैं. उनकी बहन स्मिता कृष्णा और रिशाद गोदरेज के पास भी गोदरेज एंड बॉयस में हिस्सेदारी है. गोदरेज कंपनियों में अपनी शेयर-होल्डिंग के ऑनरशिप री-स्ट्रक्चर के लिए ये बंटवारा किया जा रहा है. गोदरेज परिवार के सदस्यों के अलग-अलग दृष्टिकोणों को स्वीकार करते हुए, कंपनी में स्वामित्व को बेहतर ढंग से तय करने के लिए बंटवारा किया गया.

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