x
रूस यूक्रेन युद्धविश्व

Operation ganga : ऑपरेशन गंगा के तहत विद्यार्थियों की वतन वापसी


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली –  यूक्रेन में फंसे जिगर के टुकड़े घर लौटे तो उन्हें देख परिजनों के खुशी के आंसू छलक आए। गुरुवार को भी दस से अधिक जिले के छात्रों की वतन वापसी हुई है। जिन्होंने परिवार वालों को आपबीती सुनाई। वहीं अभी तीस से अधिक छात्रों के घर लौटने का इंतजार किया जा रहा है। जिनमें कुछ रोमानिया में ठहरे हुए हैं तो कुछ पोलैंड में फ्लाइट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि कुछ छात्र अभी तक भी यूक्रेन में ही फंसे हुए है।अफजलगढ़ के गांव रसूलपुर निवासी मेडिकल का छात्र शारिक यूक्रेन से गुरुवार की शाम अपने घर लौट आया। शारिक ने बताया कि भारतीय छात्र-छात्राओं को पौलेंड बॉर्डर पर परेशान किया गया। यूक्रेन के उजगोल शहर से 40 किलोमीटर पैदल चल कर रविवार को पौलेंड बॉर्डर पहुंच गए थे। पोलैंड में केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने वहां पहुंच कर भारतीय छात्रों से मुलाकात की। वहीं बुधवार को उन्होंने भारतीय छात्रों के विमान को हरी झंडी दिखाकर भारत के लिए रवाना किया। शारिक गांव पहुंच कर परिजनों के साथ खुशी महसूस कर रहा है।
यूक्रेन से निकलकर रोमानिया पहुंचे तो लगा इंसानियत अभी जिंदा है। रोमानिया के परिवार शेल्टर हाऊस में आकर बार-बार छात्रों से मालूम कर रहे थे कि कोई दिक्कत तो नहीं है। रोमानिया में रहने वाले प्रवासी भारतीयों ने भी खूब मदद की। यह बात यूक्रेन से लौटे मेडिकल के छात्र जुबैर ने कहीं।
बिजनौर के मोहल्ला बुखारा का रहने वाला जुबैर गुरुवार को अपने घर पहुंचा। जिसे देख परिवार के चेहरे खिल उठे। उमर उजाला से बातचीत में जुबैर ने बताया कि इवानो में जिस फ्लैट में ठहरे हुए थे, उसके ऊपर से जेट गुजरा तो लगा कि अब जिंदा नहीं बचेंगे। खैर, किसी तरह इवानो से निकलकर रोमानिया बॉर्डर पहुंच गए। जहां सबसे ज्यादा दिक्कत हुई।
बताया कि मैं शुरुआत के दो घंटे में ही बॉर्डर पार कर सकता था लेकिन, छात्र-छात्राओं को रोता देख रुक गया। एक-एक कर 29 छात्र छात्राओं को बॉर्डर पार कराने में मदद की। बताया कि बॉर्डर पार करने के बाद रोमानिया पहुंचे तो लगा कि इंसानियत अभी जिंदा है।

Back to top button